वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- हरियाणा सरकार ने अपने राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन चलाने की कवायद शुरू कर दी है। डीजल और पेट्रोल वाहनों से बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहन चलाने पर विचार कर रही है। इसके लिए सरकार ने नीति भी बनाई है। वर्तमान में, इलेक्ट्रिक वाहन एनसीआर के चार जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्जर में पेश किए जाएंगे।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि इसे वर्ष 2024 तक पूरे राज्य में लागू करने की योजना है। इन चारों जिलों में सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों से पहले चार्जिंग स्टेशनों की व्यवस्था करेगी। इसके लिए चारों जिलों के उपायुक्तों से विस्तृत रिपोर्ट मंगवाई गई है। जिससे ना केवल शहर के अंदर बल्कि मुख्य सड़कों पर भी जहां चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा सकते हैं। उन स्थानों को चिह्नित करने के आदेश जारी किए गए हैं। चार्जिंग स्टेशन भी अधिक क्षमता और गति के होंगे। जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से चार्ज किया जा सके। इसी क्रम में इन चारों जिलों में सिटी बस सेवा के अलावा छोटे रूटों पर परिवहन विभाग की इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना है।
सीएम मनोहर लाल ने 2021-22 के वार्षिक बजट में ही इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की घोषणा की है, जो अब साकार हो गई है। गोवा में हुई परिवहन मंत्रियों की बैठक में मोटे तौर पर तय हुआ कि इलेक्ट्रिक वाहन एनसीआर से शुरू होंगे। ऐसे में हरियाणा के अलावा नई दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर देगी। एनसीआर में ही प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या है।
प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भी काफी सख्त हैं। इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल की पॉलिसी बनाने को कहा है। परिवहन विभाग पहले ही गुरुग्राम से फरीदाबाद के लिए ट्रायल के आधार पर इलेक्ट्रिक बसें चला चुका है। इसके परिणाम अच्छे नहीं रहे। ऐसे में बड़ी के बजाय छोटी इलेक्ट्रिक बसों पर फोकस रहेगा। साथ ही शुरुआत में छोटे रूटों पर इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी ताकि बसों को चार्ज करने के लिए रोकना न पड़े। आमतौर पर इलेक्ट्रिक वाहन फुल चार्ज होने के बाद 200 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकते हैं। ऐसे में रूट भी उसी के मुताबिक तय किए जाएंगे।
TEAM VOICE OF PANIPAT