December 6, 2025
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पानीपत में डेंगू का प्रकोप, 8 दिन में दो सगे भाइयों की मौत ! ऐसे करें बचाव

वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- नूरवाला की विजय नगर कालोनी में डेंगू बुखार से आठ दिनों के भीतर दो सगे भाइयों की मौत हो गई है। बड़े भाई की 19 सितंबर को रस्म क्रिया थी, छोटे ने भी उसी दिन पानीपत के एक निजी अस्पताल में दम तोड़ा। दोनों की रिपोर्ट कार्ड टेस्ट में पाजिटिव आई थी। परिवार में दो ही संतान थी। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने इन मौतों को डेंगू संदिग्ध मानकर एंटी लार्वा और फागिंग एक्टिविटी शुरू कर दी है। विजय नगर निवासी प्रदीप का श्री बालाजी करियाना स्टोर है। उसके 16 वर्षीय पुत्र कृष को करीब 10 दिन पहले बुखार आया था। पहले उसे शहर के दो अस्पतालों में ले जाया गया। तबीयत में सुधार नहीं होने पर दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उपचार के दौरान 12 सितंबर को उसकी मौत हो गई। स्वजनों का कहना है कि मौत डेंगू बुखार से हुई है। इसके बाद मृतक के छोटे भाई सुजल (14 वर्ष) को भी बुखार आया। उसे उजाला सिग्नेस महाराजा अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां कार्ड टेस्ट की रिपोर्ट डेंगू पाजिटिव आई। इसी के साथ सेप्टिक शाक, डेंगू शाक सिंड्रोम के लक्षण भी मिले। 19 सितंबर को परिवार कृष की रस्म क्रिया में व्यस्त था,उसी दौरान सुजल ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।दो सगे भाईयों की मौत से मुहल्ले में मातम पसरा है।

जिला में डेंगू और मलेरिया बुखार ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। इस सीजन में डेंगू के सात केस पाजिटिव मिल चुके हैं। पांच केस तो सितंबर में ही मिले हैं। मलेरिया के दो केस मिल चुके हैं। जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) एवं डिप्टी सिविल सर्जन डा. सुनील संडूजा ने बताया कि दोनों भाइयाें की मौत डेंगू से कंफर्म नहीं है। निजी अस्पतालों में कार्ड टेस्ट किया गया था, वह मान्य नहीं है। डेंगू कंफर्म के लिए एनएन-1 टेस्ट या एलाइजा टेस्ट कराया जाता है। 

घटते-बढ़ते रहे डेंगू केस

2016- 12

2017-469

2018-133

2019- 04

2020-272

2021- 07 (20 सितंबर तक)

यह है सेप्टिक शाक

मरीज का ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ जाता है, शरीर में सूजन आ जाती है।रक्तचाप गिरने लगता है,शरीर के अंगों को पर्याप्त आक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स नहीं मिल पाते। अंग काम करना बंद कर सकते हैं।

यह है डेंगू शाक सिंड्रोम

डेंगू बुखार का मरीज बेचैन हो जाता है, तेज बुखार के बावजूद त्वचा ठंडी महसूस होती है। मरीज धीरे-धीरे होश खोने लगता है। नाड़ी कभी तेज तो कभी धीरे चलती है। रक्तचाप एकदम कम हो जाता है। इससे मरीज शाक में चला जाता है और महत्वपूर्ण अंगों में रक्त संचार कम हो जाता है।

डेंगू बुखार के लक्षण

-तेज बुखार आना।

-सिर व मांसपेशियों में दर्द।

-उल्टी आना, ग्रंथियों में सूजन।

आंखों में दर्द होना।

मच्छरों से बचाव के तरीके

-शरीर को ढ़कने वाले कपड़े पहनें।

-खिड़कियों और दरवाजों पर महीन जाली लगवाएं।

-घर-आफिस के आसपास पानी जमा न होने दें।

-कूलर और गमलों का पानी रोजाना बदलें।

-मच्छरदानी लगाकर ही सोएं।

-पानी की टंकी, बाल्टी को ढककर रखें।

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