वायस ऑफ पानीपत (ब्यूरो):- दिल्ली हाई कोर्ट (High Court) ने क्रूरता के आधार पर तलाक के मामले में पारिवारिक अदालत के निर्णय को बरकरार रखा है.. इससे पहले पारिवारिक अदालत ने एक पति को उसकी पत्नी द्वारा क्रूरता के आधार पर तलाक देने का आदेश दिया गया था.. दोनों की शादी मार्च 2011 में हुई थी और छह महीने बाद ही अलग रहने लगे थे..
तलाक के पारिवारिक अदालत के निर्णय को बरकरार रखते हुए न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने कहा कि पति ने अपनी गवाही में कहा था कि पत्नी ने यह कहकर “करवा चौथ” का व्रत रखने से इनकार कर दिया था कि वह किसी अन्य पुरुष को अपना पति मानती थी और उसके माता-पिता ने उसकी इच्छा के विरुद्ध उसकी शादी जबरन कराई थी.. पत्नी की अपील को खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि पारिवारिक अदालत ने पत्नी के आचरण को पति को अत्यधिक मानसिक पीड़ा, दर्द और क्रूरता का कारण माना है..
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