वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- होटल, रेस्टोरेंट व ढाबा अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के दायरे में आएंगे। शौचालयों की व्यवस्था से लेकर ठोस व तरल कचरा प्रबंधन अब होटलों व रेस्टोरेंट को करना होगा। इसके लिए एनजीटी की ओर से गाइडलाइन जारी कर दी गई है। डीडीपीओ काे इसके लिए सदस्य सचिव बनाया गया है। इन गाइडलाइन की पालना कराने को लेकर डीडीपीओ को जिम्मेदारी दी गई है। यदि किसी होटल में यह नियम लागू नहीं होंगे, तो उन पर कार्रवाई भी की जाएगी। इसके लिए डीडीपीओ को जांच करनी होगी
एनजीटी ने होटलों के साथ-साथ मैरिज पैलेस को भी इस दायरे में रखा है। इसके तहत होटल में महिला व पुरुष के लिए अलग-अलग शौचालय होना चाहिए। छत के पानी का भंडारण करने की व्यवस्था होनी चाहिए। ठोस व तरल कचरा प्रबंधन होना चाहिए। पार्किंग की व्यवस्था हो और यदि कोई जरनेटर प्रयोग करता है, तो उस पर साइलेंसर लगा होना चाहिए। जिससे वह हवा प्रदूषण न फैला सके। इसके तहत गंदे पानी को अलग किया जाएगा। पानी को ट्रीट कर जमीन में छोड़ा जाएगा।
स्वच्छ भारत मिशन के जिला सलाहाकार बलिंद्र कटारिया ने बताया कि ठोस व तरल कचरे के प्रबंधन को लेकर एनजीटी गंभीर है। इसलिए ही अब होटलों व रेस्टोरेंट के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। इसके तहत नियमों की पालना कराने की जिम्मेदारी डीडीपीओ को दी गई है।
TEAM VOICE OF PANIPAT