वायस ऑफ पानीपत(देवेंद्र शर्मा)- पिछले दिनों हुए बसताड़ा प्रकरण के बाद वायरल वीडियो के जरिए सुर्खियों में आए करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा के स्थानांतरण आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्हें हरियाणा सरकार में सिटीजन रिसोर्सेज इन्फोमेशन विभाग में अतिरिक्त सचिव बनाया गया है। हालांकि, सोमवार को घरौंडा में हुई महापंचायत में किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए ऐलान किया था कि ऐसा नहीं होने पर छह सितंबर के बाद करनाल में जिला सचिवालय का बेमियादी घेराव किया जाएगा। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रकरण में अभी तक उठाए गए कदमों को लेकर किसान नेता संतुष्ट नहीं हैं। वहीं, प्रशासनिक स्तर पर मामले से जुड़े तमाम पहलुओं की जांच जारी है।
बीते शनिवार को पेश आए बसताड़ा प्रकरण को लेकर जहां एक तरफ कृषि कानून विरोधी आंदोलन से जुड़े किसान लगातार मुखर हैं तो वहीं इस मामले से जुड़े कई वीडियो भी लगातार वायरल हो रहे हैं। इस बीच हाल में किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी की मौजूदगी में घरौंडा में हुई पंचायत में तय की गई मांगों को लेकर सरकार को छह सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया था। इन्हीं में करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा पर सख्त कार्रवाई की मांग भी शामिल थी। हालांकि, पंचायत में चढ़ूनी की ओर से किए गए इस ऐलान के अगले ही रोज भाकियू नेता राकेश टिकैत ने भी करनाल में मृत किसान सुशील काजल के घर पहुंचने के दौरान संवाददाताओं से वार्ता में अलग सुर छेड़ते हुए कहा था कि फिलहाल किसी ऐसी मांग का कोई औचित्य नहीं है। आंदोलन जिस राह पर चल रहा है, वैसे ही चलेगा और जब भारत सरकार के साथ समझौता वार्ता होगी, तभी ऐसे विषय भी तय किए जाएंगे।
इधर, किसान नेताओं की बयानबाजी के इतर पूरे प्रकरण को लेकर चंडीगढ़ में बढ़ी हलचल के बीच बुधवार को शासन स्तर से करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा के स्थानांतरण आदेश जारी कर दिए गए। उन्हें फिलहाल सिटीजन रिसोर्सेज इन्फोमेशन विभाग में अतिरिक्त सचिव बनाया गया है। दोपहर बाद जैसे ही यह सूचना आई तो करनाल के प्रशासनिक गलियारों से लेकर कृषि कानून विरोधी आंदोलन से जुड़े किसान नेताओं के बीच गहमागहमी बढ़ गई। सभी इस घटनाक्रम को अपने अपने नजरिए से देख रहे हैं। वहीं किसान नेताओं की ओर से इस प्रक्रिया को लेकर अलग अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ इसे शासन-प्रशासन पर लगातार बने दबाव का असर करार दे रहे हैं तो कुछ का मानना है कि इस कदम से वे जरा भी संतुष्ट नहीं हैं। वस्तुत: उक्त अधिकारी को बर्खास्त किए जाने के साथ ही मामला भी दर्ज होना चाहिए। हालांकि, अभी इसे लेकर स्थानीय किसान नेताओं ने खुलकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। माना जा रहा है कि वे बड़े नेताओं के बयान आने के बाद ही जुबान खोलेंगे
दूसरी ओर, पूरे प्रकरण को लेकर चल रही जांच के संदर्भ में उपायुक्त निशांत यादव ने बताया कि अभी यह प्रक्रिया जारी है। बसताड़ा प्रकरण को लेकर सियासी हलचल भी लगातार बढ़ रही है। इस मामले में किसानों पर ज्यादती का आरोप लगाते हुए कांग्रेस की ओर से लगातार धरने प्रदर्शन किए जा रहे हैं तो वहीं वीरवार को पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष सैलजा भी करनाल आ रही हैं। वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं की अगुवाई करते हुए प्रदर्शन में शामिल होंगी तो इसी क्रम में तीन सितंबर को पार्टी सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा करनाल आएंगे।वह बसताड़ा प्रकरण के बाद जान गंवाने वाले किसान सुशील काजल के परिवार से मिलने गांव रायपुरा जाटान जाएंगे। पांच सितंबर को पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला का करनाल आगमन भी प्रस्तावित है, जो इनेलो कार्यकर्ताओं को दिशा-निदेंश देंगे।
TEAM VOICE OF PANIPAT