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April 25, 2024
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पानीपत की बेटी ने मारी बाजी, यूपीपीसीएस परीक्षा में हासिल किया देश में प्रथम स्थान

वायस आफॅ पानीपत (कुलवन्त सिंह)- पानीपत के एक रिटायर्ड फौजी की बेटी और डॉक्टर की बहन अनुज नेहरा ने अपने पहले ही प्रयास में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में पहला स्थान हासिल किया है। इसके लिए उन्होंने लगातार पांच साल से रोजाना दस से बारह घंटे तक पढ़ाई व सोशल मीडिया से दूरी बनाकर किताबों को अपना दोस्त बनाया। लेकिन अभी भी उनका सपना यूपीएससी का पूरा करना है, जिसके लिए वे अभी भी मेहनत कर रही हैं। दो बार यूपीएससी की परीक्षा को पूरा न कर पाना उनके लिए अब जुनून बन चुका है और उन्होंने हौसला बुलंद करते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखी और यूपी की पीसीएस परीक्षा को पास किया। पिछली बार भी यूपीएससी में वे सिर्फ दो अंकों से रह गई थी। शुक्रवार दोपहर को परीक्षा का परिणाम आते ही उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगना शुरू हो गया। उन्होंने अपनी कामयाबी का सारा श्रेय अपने बड़े भाई विकास, अपने पिता अश्बीर सिंह व माता ऊषा को दिया है।

अनुज नेहर ने बताया कि उनकी स्कूली शिक्षा पानीपत के एनएफएल टाउनशिप के केंद्रीय विद्यालय से पूरी की। इसके बाद उन्होंने 2015 में दिल्ली विश्व विद्यालय के हंसराज कॉलेज से केमिस्ट्री आनर्स की पढ़ाई की। 2008 में दसवीं की परीक्षा में उनके 97 प्रतिशत अंक आए थे। इसके बाद नॉन मेडिकल में 2010 में उनके 94 प्रतिशत अंक आए। 2013 में स्नातक करने के बाद वे सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गई।
उन्होंने बताया कि 2014 में वे सही तैयारी नहीं कर पाई थी, लेकिन 2015 से लेकर 2020 तक करीब छह साल उन्होंने कठिन परिश्रम किया है ओर ये मुकाम हासिल किया है। उनके परिवार में चार सदस्य हैं, जिसमें उनके पिता अश्बीर सिंह जाट रेजिमेंट से रिटायर्ड फौजी हैं, माता ऊषा गृहणी हैं। उनके बड़े भाई विकास रोहतक पीजीआई में मास्टर ऑफ सर्जन हैं, जो अब पीजी भी पूरा कर चुके हैं। बच्चों की पढ़ाई और उज्जवल भविष्य के लिए फौज से 24 साल की सर्विस के बाद रिटायरमेंट ले आए थे। इसके बाद उन्होंने पूरा ध्यान अपने दोनों बच्चों की पढ़ाई पर लगाया।

अनुज बताती हैं कि उन्होंने मेहनत तो यूपीएससी की परीक्षा के लिए की थी, लेकिन दो बार विफल होने के बाद उन्होंने और मेहनत की। इसी बीच उन्होंने उत्तर प्रदेश के लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी और सफल हुईं। उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्हें ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी। यूपीएससी का सिलेबस ही उनके काम आया, जो वे पढ़-पढ़ कर अपने जहन में उतार चुकी थी। उन्होंने बताया कि आखिरी बार उन्होंने यूपीएससी का मेनस तक लिखा था, लेकिन वह पूरा नहीं हो पाया, लेकिन अभी भी उनका सपना यूपीएससी को पूरा करने का है।

अनुज ने बताया कि उन्हें यकीन ही नहीं था कि इस परीक्षा में उनका पहला नंबर आएगा। बस उन्होंने पूरी लगन, मेहनत और ध्यान लगाकर पढ़ाई की और परीक्षा दी। इसके बाद शुक्रवार को जब रिजल्ट आया तो उन्हेें पता चला कि उन्होंने पहला रैंक हासिल करते हुुए पूरे देश में टॉप किया है, लेकिन यकीन नहीं आया। बार-बार रिजल्ट को देखा, कंफर्म किया, तब यकीन आया।

अनुज बताती हैं कि ये उनकी सफलता की पहली सीढ़ी है। वे सरकारी पद पर रहते हुए मुख्य रूप से महिला उत्थान, शिक्षा वर्ग और बच्चों के लिए काम करना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि आज भी देश मेें कुछ ऐसी जगह हैं, जहां महिलाएं घरों से बाहर नहीं निकल पा रही हैं, बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही हैं। ऐसे समय में हमारे देश को नया टैलेंट और होनहार लोगों की जरूरत हैं।

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