वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):- एक वक्त था, जब हम किराना स्टोर या सब्जीवाले के पास सामान खरीदने जाते थे.. तो खुल्ले पैसों की कितनी किल्लत होती थी.. अगर दुकानदार को 2 या 4 रुपये वापस लौटाने पड़ते, तो वह जोर देता कि आप उसके बदले टॉफी या कोई और चीज ले लें.. कई बार इससे लेकर कहा सुनी भी हो जाती थी.. लेकिन डिजिटलीकरण के साथ यह गुजारे जमाने की बात लगने लगी है.. अगर आप आपने 21 रुपये का सामान खरीदा है.. तो आप डिजिटल पेमेंट की मदद से पूरे 21 रुपये का भुगतान कर सकते हैं.. ना तो आपको दो 10 के नोट के साथ 1 रुपये का खुल्ला देने की चिंता होगी, और ना ही दुकानदार को तीन 10 के नोट मिलने पर 9 रुपये का चेंज लौटाने की.. और यह सब मुमकिन हुआ है PPI और UPI के जरिए.. आइए जानते हैं कि PPI और UPI में क्या अंतर है और इनका कहां और कैसे इस्तेमाल होता है..
PPI क्या है ?
PPI असल में ऐसा पेमेंट सिस्टम होता है, जिसमें आप पहले से डाले गए पैसे के जरिए कोई सामान या सर्विस खरीदते हैं या फिर फंड ट्रांसफर करते हैं.. PPI सिस्टम अमूमन तीन का तरह होता है.. क्लोज्ड, सेमी-क्लोज्ड और ओपन सिस्टम..क्लोज्ड सिस्टम का मतलब है कि इन PPI का इस्तेमाल उन्हीं जगहों पर हो सकता है.. जो इन्हें जारी करते हैं.. मिसाल के लिए, मेट्रो कार्ड और टोकन.. वहीं, क्लोज्ड PPI के उलट सेमी-क्लोज्ड PPI का उपयोग कई सेवाओं के लिए किया जा सकता है, लेकिन सभी सेवाओं के लिए नहीं.. वहीं, ओपन PPI का यूज हर जगह हो सकता है, जैसा कि इसके नाम से ही है.. इस तरह के PPI के दायरे में डेबिट और क्रेडिट कार्ड आते हैं.. इनसे आप तकरीबन हर सर्विस खरीद सकते हैं। हालांकि, अन्य दो PPI के उलट इन्हें सिर्फ RBI ही जारी कर सकता है..
क्या है UPI ?
UPI एक मोबाइल पेमेंट सिस्टम है.. जिसका बड़ी सख्या में लोग इस्तेमाल करते है.. इसमें आपको एक अकाउंट से दूसरे में तुरंत पैसे भेजने की सहूलियत मिलती है, वह भी बिना किसी शुल्क के.. UPI काफी फास्ट है.. इसमें पेमेंट अमूमन चंद सेकंड के भीतर ही हो जाता है.. इसमें ज्यादा तकनीकी उलझन नहीं होती और यूजर को कोई चार्ज नहीं देना होता, जैसा कि अमूमन PPI के मामले में होता है.. इस सिस्टम के जरिए पैसे ट्रांसफर करने के लिए यूजर के पास एक UPI आईडी होनी चाहिए.. यह आपके बैंक अकाउंट के लिए खास पहचान होती है.. जिसका उपयोग करके एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसा भेजा और प्राप्त किया जाता है..
PPI और UPI में क्या अंतर होता है ?
PPI और UPI में अंतर की बात करें, तो PPI को आप अपने पर्स की तरह समझ सकते हैं.. आपके पर्स में जितनी रकम होगी, आप उतने का ही सामान खरीद सकेंगे। लेकिन, UPI में ऐसी बंदिश नहीं होती.. आप इसमें उधार पैसे लेकर या फिर किसी को कर्ज दिया है, तो उसे फौरन वापस मांगकर भी खर्च सकते हैं.. इन दोनों में कुछ और भी अंतर हैं..
– PPI में सिर्फ भुगतान कर सकते हैं, लेकिन UPI में पैसे लेने की सुविधा भी मिलती है..
– UPI में आप कई बैंक अकाउंट जोड़ सकते हैं. PPI में एक ही तक सीमित होती है..
– PPI की तुलना में UPI कहीं अधिक पेमेंट ऑप्शन देता है. कोई शुल्क भी नहीं लगता..
– UPI में PPI के मुकाबले आपको पेमेंट की लिमिट भी काफी अधिक मिलती है..
TEAM VOICE OF PANIPAT