वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- ई-मेल पर प्राप्त संदेशों को ध्यान से पढे व ऐप डाउनलोड करने से पहले उसकी विश्वसनीयता को जांच ले ये बात कही पानीपत के एसपी शशांक कुमार सावन ने..पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने जानकारी देते हुए बताया तकनीक के इस युग में लगभग हर व्यक्ति कंप्यूटर अथवा मोबाइल से जुड़ा हुआ है। ऐसे में साइबर अपराधी भी अपराध करन के नये-नये तरीके अपना रहे हैं। साइबर अपराधी ई-मेल पर संदेश के माध्यम से लोगो की निजी जानकारी जैसे इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड या क्रेडिट कार्ड नंबर जैसी निजी जानकारी हासिल कर लेते है। उन्होने बताया ई-मेल के माध्यम से बहुत सारे अनचाहे संदेश आते हैं, जैसे कि सदस्यताएं, प्रचार ऑफर, लॉटरी व सस्ता लोन इत्यादि। इनके माध्यम से हैकर आपके ई-मेल इनबॉक्स को भरने की कोशिश करता है, ताकि आपको अपने बैंक से मिलने वाले चेतावनी संदेश न मिल सके । उदाहरण के लिए अगर हैकर आपके बैंक खाते में सेंध लगाने की कोशिश करता है, बैंक आपको ई-मेल से इसकी सूचना दे सकता है । परंतु अगर आपका इनबॉक्स जंक मेल से भरा हुआ है तो शायद वह चेतावनी आपको न मिले । इसी का फायदा उठाते हुए साइबर ठग आसानी से लोगो को ठगी का शिकार बना लेते है ।
ई-मेल पर प्राप्त संदेशों के संबंध मे निम्न सावधानियां बरते :-
1. अगर आपको ई-मेल पर प्राप्त संदेश मे कुछ संदिग्ध लगता है तो ई-मेल का जवाब न दें या ई-मेल मे प्राप्त कोई भी लिंक न खोलें।
2. अगर आपके मन में भेजने वाले को लेकर कोई संदेह है, तो ई-मेल की फिशिंग के रूप में रिपोर्ट करें।
नोट:- गुगल कभी भी ई-मेल के माध्यम से किसी की निजी जानकारी नहीं मांगता ।
इसी प्रकार मोबाइल प्रौद्योगिकी की बढ़ती प्रगति मे हर दिन हजारों नए मोबाइल ऐप विकसित किये जा रहे है । साइबर अपराधी ऐप का गलत रुप से प्रयोग कर लोगो के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे है।
सावधानियां :-
किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी जांच कैसे करें, यह समझना महत्वपूर्ण है। डाउनलोड करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण कारकों पर ध्यान देकर आप अपने डिवाइस पर आने वाले दुर्भावनापूर्ण ऐप से बेहतर तरीके से अपनी रक्षा कर सकते हैं।
1. ऐप डाउनलोड करने से पहले उसकी समीक्षाओं को पढ़ना एक शानदार तरीका है। यदि आप कई नकारात्मक टिप्पणियों या शिकायतों को देखते हैं, तो अपने डिवाइस पर ऐप डाउनलोड करने से पहले सावधानी बरते ।
2. किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसके डेवलपर बारे गुगल आपकी मदद कर सकता है और आपको बता सकता है कि यह एक विश्वसनीय स्रोत है या नहीं।
3. किसी ऐप की जारी कि जाने वाली सूचीबद्ध तिथि पर ध्यान दें । यदि आप हाल ही में प्रकाशित ऐप को बड़ी संख्या में डाउनलोड के साथ देखते हैं, तो यह एक नकली ऐप का एक मजबूत संकेत हो सकता है।
4. सार्वजनिक स्थलों पर अपने फोन को न छोड़े और अपने फोन के पासवर्ड/पैटर्न लॉक को किसी अन्य व्यक्ति के साथ साझा न करें।
5. फोन मे ऐप ऑटो अपडेट के विक्लप को चालू रखें।
TEAM VOICE OF PANIPAT