21.9 C
Panipat
November 22, 2024
Voice Of Panipat
Big Breaking NewsIndia News

वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ दर्ज हुआ ‘देशद्रोह’ का मुकदमा रद्द, पढ़िए क्या है पूरा मामला

वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा):- सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ शिमला में दर्ज राजद्रोह का मुकदमा खारिज करने का आदेश दिया है…दुआ का कहना था कि यूट्यूब चैनल में केंद्र की आलोचना के चलते उन्हें परेशान किया जा रहा है…हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह मांग ठुकरा दी है कि अनुभवी पत्रकारों पर राजद्रोह केस दर्ज करने से पहले हाईकोर्ट जज वाली कमिटी से मंजूरी ली जाए….

पत्रकार विनोद दुआ को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला रद्द कर दिया है…..पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ हिमाचल प्रदेश में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया गया था….याचिका में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ शिमला में दर्ज देशद्रोह के मामले को रद्द करने की मांग की गई थी. विनोद दुआ के खिलाफ हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के एक स्थानीय नेता ने FIR दर्ज कराई गई थी. बीजेपी नेता ने यह FIR उनके एक यूट्यूब प्रोग्राम को लेकर दर्ज कराई थी….जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस विनीत सरन की बेंच ने पिछले साल छह अक्टूबर को दुआ, हिमाचल प्रदेश सरकार और मामले में शिकायतकर्ता की दलीलें सुनने के बाद याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. शीर्ष अदालत ने 20 जुलाई को इस मामले में विनोद दुआ को किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से प्रदत्त संरक्षण की अवधि अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दी थी.

कोर्ट ने कहा था कि दुआ को इस मामले के संबंध में हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा पूछे जा रहे किसी भी पूरक सवाल का जवाब देने की जरूरत नहीं है. दुआ के खिलाफ उनके यूट्यूब कार्यक्रम के संबंध में छह मई को शिमला के कुमारसेन थाने में बीजेपी नेता श्याम ने FIR दर्ज कराई थी. याचिकर्ता का कहना था कि दुआ ने अपने YouTube कार्यक्रम ‘द विनोद दुआ शो’ में विवादित बोल बोले थे, जो सांप्रदायिक घृणा को भड़का सकते थे और जिससे शांति और सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा हो सकता था.

श्याम ने आरोप लगाया था कि दुआ ने अपने यूट्यूब शो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वोट पाने की खातिर ‘मौत और आतंकी हमलों’ का इस्तेमाल करने के आरोप लगाए थे. इससे पहले शीर्ष अदालत ने पिछले साल 14 जून को अप्रत्याशित सुनवाई करते हुए विनोद दुआ को अगले आदेश तक गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान कर दिया था..हालांकि कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रही जांच पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था. दुआ ने कोर्ट से उनके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि प्रेस की स्वतंत्रता संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकार है.

TEAM VOICE OF PANIPAT

Related posts

सात साल की बच्ची से नाबालिगों ने किया सामूहिक दुष्कर्म, पढिए पूरा मामला.

Voice of Panipat

नाराज राकेश टिकैत का बड़ा बयान, IAS अधिकारी को किया जाए बर्खास्त.

Voice of Panipat

पानीपत मे हुआ दर्दनाक हादसा, दादा के हाथ से फिसल गया मासूम, सांडों ने कुचला और हो गई मौत

Voice of Panipat