वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा):- केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) सत्र 2021-22 से अपने स्कूलों में कोडिंग और डाटा साइंस के कोर्स शुरू करने जा रहा है। ये दोनों नए कोर्स हैं, जिन्हें अगले सत्र से पढ़ाया जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को ट्वीट कर इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत डाटा साइंस और आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (एआइ) विषय भी पढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीबीएसई माइक्रोसाफ्ट के सहयोग से देश की भावी पीढ़ियों को नए जमाने के कौशल सिखाकर सशक्त बना रहा है।
सीबीएसई ने कहा कि डाटा साइंस विषय से स्टूडेंट्स समझ सकेंगे कि किस तरह डाटा जुटाया व संग्रहित किया जाता है। इसके साथ जान सकेंगे कि उसका विश्लेषण करके कैसे निर्णय किया जाता है। सीबीएसई ने कहा कि जो स्कूल 11वीं में स्किल विषय के तौर पर इन विषयों को शामिल करने के लिए आवेदन करेंगे, उन्हें कोई फीस का भुगतान नहीं करना है। माइक्रोसॉफ्ट की मदद से दोनों विषयों के शिक्षक और किताबें तैयार हैं। सीबीएसई के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, कोडिंग विषय को छठी से 8वीं तक में 12 घंटे के स्किल मॉड्यूल के तौर पर शामिल किया जाएगा। इससे छात्र-छात्राओं की तार्किक क्षमता भी बढ़ेगी और वो एआइ के बारे में भी जानेंगे। वहीं, डाटा साइंस विषय को 8वीं में 12 घंटे के स्किल मोड्यूल के तौर पर और 11वीं-12वीं में इसे कौशल (स्किल) विषय के तौर पर शामिल किया जाएगा।
सीबीएसई ने संबद्ध स्कूलों को इस बाबत दिशानिर्देश जारी कर कहा है कि कोडिंग को कक्षा 6 से 8 तक में 12 घंटे के स्किल मोड्यूल के तौर पर शामिल किया जाएगा। इसका मकसद बच्चों में तार्किक तौर पर सोचने की क्षमता बढ़ाना है। इस कोर्स के चलते आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में जान सकेंगे। सीबीएसई के मुताबिक, डाटा साइंस विषय को कक्षा 8 में 12 घंटे के स्किल मोड्यूल के तौर पर शामिल किया जाएगा जबकि कक्षा 11वीं व 12वीं में इसे स्किल सब्जेक्ट के तौर पर शामिल किया जाएगा।