वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- टोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड जीतने के बाद स्टार बन चुके जैवलिन खिलाड़ी नीरज चोपड़ा अपनी माटी को नहीं भूले। टोक्यो में ओलिंपिक मेडल जीतकर जब नीरज चोपड़ा पहली बार गांव आए थे, तब स्वागत के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा था। आसपास के गांवों के लोग भी पहुंचे।
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भीषण गर्मी के बीच नीरज चोपड़ा उनके बीच खड़े रहे। समय इतना कम था कि वह अपने ही गांव वालों, पुराने दोस्तों, यहां तक कि परिवार से भी नहीं मिल सके थे। उस दिन जो कमी रह गई थी, उसे दूर करने के लिए नीरज चुपके से गांव खंडरा पहुंचे। अपने सभी पुराने दोस्तों से मिले। गांव वालों के साथ फोटो खिंचवाई। थर्मल पावर प्लांट से भी अधिकारी पहुंचे। उनका पूरा दौरा गुप्त ही रखा गया। शुक्रवार शाम को वह गांव से रवाना हो गए।
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नीरज बुधवार देर रात को गांव पहुंचे थे। रात को भी इसलिए आए, ताकि किसी को पता ही नहीं चले कि वह गांव में आए हैं। अगले दिन गांव वालों को खबर दी गई कि ओलिंपिक में मेडल जीतकर लाया उनका बेटा गांव आया हुआ है। इस सूचना पर गांव के लोग घर पहुंचने लगे। नीरज ने अपने दोस्तों को भी फोन करके बताया कि गांव में हूं। आ जाओ। फिर क्या था, वीरवार और शुक्रवार, दो दिन तक नीरज इनके बीच रहे।
TEAM VOICE OF PANIPAT