वायस ऑफ पानीपत(कुलवन्त सिंह)- पानीपत में बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिली। वहीं एक घंटे में हुई 16.2 एमएस बारिश से शहर की सड़कें पानी से लबालब हो गईं। अनाज मंडी, इंसार बाजार, सेक्टर 11-12 में करीब एक से दो फीट पानी जमा हो गया।जीटी रोड पर पानी भरने से दो घंटे तक ट्रैफिक जाम रहा। बारिश के रुकने के बावजूद शाम तक रुक-रुक कर जाम लगता रहा। इस दौरान स्कूलों के बच्चे भी जाम में फंसे रहे। पानी में दोपहिया चालकों को सबसे ज्यादा दिक्कत हुई।
ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को वाहनों की आवाजाही कराने के लिए खासी मशक्कत का सामना करना पड़ा। सेक्टर 11-12 क्षेत्र शहर के सबसे वीआइपी एरिया में आता है। यहां लगभग दिनभर में 30 हजार से ज्यादा लोगों का आना-जाना लगा रहता है। यहां से पानी निकासी को चार से पांच घंटे तक का समय लगा। नगर निगम दावा कर रहा था कि नालों की सफाई व निकासी पर 26 लाख रुपये खर्च किए हैं। बारिश ने निगम के दावों की पोल खोल दी है।
मतलौडा में सबसे ज्यादा 34 और बापौली में दो एमएम बारिश मतलौडा में सबसे ज्यादा 34 और बापौली में सबसे कम दो एमएम बारिश हुई। पानीपत और इसराना में 20-20 और समालखा में पांच एमएम बारिश हुई। इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा नाले व सीवर दोनों ही ओवरफ्लो रहे। अगर कुछ दिन और बारिश हुई तो शहर में बाढ़ जैसे हालात होंगे। यहां नाले ओवरफ्लो की समस्या सबसे पुरानी है। नालों की सफाई के लिए पिछले दो माह से अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन फिर भी व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई।
तहसील कैंप यहां सबसे ज्यादा बारिश का पानी भरा रहा। कैंप में गड्ढे होने के कारण दो पहिया वाहन चालक गिर गए और काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं असंध रोड इस रोड पर भी जरा सी बारिश होते ही पानी भर जाता है। यहां सड़क पर गड्ढे भी बने हुए हैं। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हैंडलूम बाजार की बात करें तो शहर के इस प्रसिद्ध बाजार में जरा सी बारिश होते ही पानी भर जाता है। इससे दुकानदारों के धंधे चौपट हो जाते हैं और दुकानदार खुद सांकेतिक निशान लगाकर दूसरों को बाजार में न आने की अपील करते हैं।
TEAM VOICE OF PANIPAT