वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा) :- कोरोना महामारी की दूसरी लहर से काफी हद तक उबर चुकी हरियाणा सरकार ने रविवार को जन कल्याण की पांच बड़ी घोषणाएं की। हरियाणा सरकार ने शहरी निकायों की संपत्ति पर बरसों से काबिज लोगों को मालिकाना हक देने का अहम फैसला किया है। सरकार की इस योजना का लाभ दुकानदारों और मकान मालिकों को समान रूप से मिलेगा। ऐसे लोगों को इस संपत्ति की रजिस्ट्री अपने नाम कराने के लिए कलेक्टर रेट में 20 से 50 फीसद तक की छूट प्रदान की जाएगी। यह योजना एक जून से लागू होगी।
मुख्यमंत्री के अनुसार शहरी निकायों की दुकानों व मकानों पर लीज पर रहने वाले उन तमाम लोगों को मालिकाना हक मिल सकेगा, जो कम से कम 20 साल से इस प्रॉपर्टी पर काबिज हैं। 31 दिसंबर 2020 को 20 साल पूरे होने की अवधि मानी जाएगी। यानी उनकी लीज एक जनवरी 2000 से पहले की होनी चाहिये। जो व्यक्ति 50 साल से ऐसी प्रॉपर्टी पर काबिज है, उसे रजिस्ट्री कराते समय कलेक्टर रेट पर 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। 40 साल से काबिज व्यक्ति को 40 फीसद, 30 साल से काबिज लोगों को 30 फीसद और 20 साल से काबिज व्यक्तियों को 20 फीसद छूट कलेक्टर रेट में मिलेगी। यदि कोई व्यक्ति 100 साल से काबिज है, उसे भी अधिकतम 50 फीसद की छूट मिलेगी। यानी वह प्रापर्टी मुफ्त में अपने नाम कराने का दावा नहीं कर सकता। फैसले से करीब 40 हजार लोगों को फायदा होगा।
मुख्यमंत्री के अनुसार शहरी निकायों की प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक हासिल करने की योजना एक जून से लागू मानी जाएगी। दो माह के भीतर योजना का लाभ सभी को प्रदान करने की रूपरेखा तैयार की गई है। आवेदन करने के बाद 15 दिन के भीतर संबंधित प्रॉपर्टी का 25 प्रतिशत पैसा जमा कराना होगा। अगले 45 दिन के भीतर 75 फीसद पैसा जमा कराना पड़ेगा। पूरा पैसा आ जाने पर संबंधित दुकान या मकान कब्जा धारक के नाम कर दी जाएगी। अगर एक प्रापर्टी के कई फ्लोर हैं और उस पर दो से तीन लोग कब्जाधारी हैं तो उनकी सबकी अलग-अलग रजिस्ट्री होगी और अलग-अलग पैसे लिए जाएंगे।
TEAM VOICE OF PANIPAT