वायस ऑफ पानीपत(कुलवन्त सिंह)- किसान संगठनों के रविवार को करनाल में हुए प्रदर्शन, लाठीचार्ज और एसडीएम के वायरल वीडियो पर हरियाणा सरकार ने विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। प्रदेश सरकार की ओर से मुख्य सचिव विजयवर्धन ने करनाल के डीसी निशांत यादव से यह रिपोर्ट अतिशीघ्र मांगी है। मुख्य सचिव ने डीसी से कहा कि वायरल वीडियो को लेकर करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा का क्या कहना है, यह भी रिपोर्ट के साथ होना चाहिए। करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा के वायरल वी़डियो ने प्रदेश सरकार की परेशानी बढ़ा रखी है। इस वीडियो में सिन्हा पुलिस कर्मियों को लाठीचार्ज करने व आंदोलनकारियों के सिर फोड़ने की हिदायतें देते दिखाई दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने हालांकि इस तरह के शब्दों को गलत ठहराते हुए घटनास्थल और वीडियो स्थल को अलग-अलग बताया है, लेकिन विपक्ष के साथ-साथ आंदोलनकारियों ने इस वीडियो को बड़ा मुद्दा बना दिया है।
मुख्य सचिव विजयवर्धन ने करनाल के डीसी निशांत यादव को भेजे पत्र में कहा कि 28 अगस्त रविवार को जो भी घटनाक्रम हुआ है, उसकी पूरी रिपोर्ट सिलसिलेवार प्रदेश मुख्यालय भेजी जाए। साथ ही एसडीएम के वायरल वीडियो पर उनका क्या कहना है, यह भी अलग से इस रिपोर्ट में दर्ज होना चाहिए। मुख्य सचिव ने डिटेल रिपोर्ट मांगे जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि करनाल के डीसी को जल्द से जल्द रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। बता दें कि इस रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम के विरुद्ध कार्रवाई अथवा क्षमादान तय होगा। वहीं, भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव से नाराज हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपनी पार्टी के करीब एक दर्जन विधायकों के साथ मंगलवार को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मिले। हुड्डा ने करनाल में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों पर हुए लाठीचार्ज की घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग के साथ ही राज्यपाल से अनुरोध किया कि भूमि अधिग्रहण कानून में हुए बदलावों को मंजूरी न प्रदान की जाए। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा मंगलवार शाम को राज्यपाल से मिले। हुड्डा और उनके विधायकों की मुलाकात पहले सुबह के समय होनी थी, लेकिन राज्यपाल की व्यस्तता की वजह से यह संभव नहीं हो पाया। हुड्डा शाम को तीन बजे मीडिया कर्मियों से अपने निवास पर बातचीत कर रहे थे, तभी राजभवन से फोन आया कि यदि वे राज्यपाल से मिलना चाहते हैं तो आ सकते हैं। उस समय हुड्डा के पास करीब एक दर्जन विधायक थे।
हुड्डा प्रेस कान्फ्रेंस खत्म कर करीब चार बजे राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे। इससे पहले हुड्डा दिल्ली से हवाई मार्ग के जरिये चंडीगढ़ पहुंचे। पंजाब के नव नियुक्त राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और भूपेंद्र सिंह हुड्डा दोनों एक ही फ्लाइट में चंडीगढ़ आए हैं। हुड्डा और उनके विधायकों ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को सौंपे ज्ञापन में कहा कि मानसून सत्र में पास किए गए संशोधित भूमि अधिग्रहण विधेयक को सहमति न दी जाए और इसे संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत पुनर्विचार के लिए हरियाणा विधानसभा को वापस भेज दिया जाए, क्योंकि यह विधेयक किसान, गरीब विरोधी और अप्रजातांत्रिक है।
उन्होंने कहा कि विधेयक को सदन में बिना विस्तृत चर्चा के जल्दबाजी में पारित किया गया है। कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल को करनाल के एसडीएम का वह वीडियो भी सौंपा, जिसमें किसान आंदोलनकारियों के सिर फोड़ने के आदेश दिए जा रहे हैं। हुड्डा ने भाजपा सरकार के ढ़ाई हजार दिनों के राज का जिक्र करते हुए कहा कि इन दिनों में प्रदेश विकास से मीलों पीछे चला गया है। राज्यपाल से मिलने वाले कांग्रेस विधायकों में गीता भुक्कल, आफताब अहमद, कुलदीप वत्स, मोहम्मद इलियास, कुलदीप वत्स, जगबीर मलिक, शकुंतला खटक, नीरज शर्मा और धर्म सिंह छौकर प्रमुख रूप से शामिल रहे इससे पहले मीडिया से बातचीत में हुड्डा ने कहा कि संशोधित विधेयक केंद्रीय प्रधान अधिनियम 2013 के इरादे और भावनाओं के विरुद्ध हैं। विधेयक उन किसानों के हितों और भावनाओं को ठेस पहुंचाएगा, जो पहले से ही कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले नौ महीने से आंदोलनरत हैं। नए विधेयक में पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत किसानों की सहमति, सेक्शन-चार व सेक्शन-छह के नोटिस की प्रक्रिया और जमीन के बदले मुआवजे के साथ रिहायशी प्लाट देने के प्रविधानों को समाप्त कर दिया गया है। पुराने कानून के तहत पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के अंदर सरकारी प्राधिकरण के लिए 75 फीसद जमीनधारकों की सहमति जरूरी थी और एक्ट की धारा-10 के मुताबिक उपजाऊ जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जा सकता था। नए कानून में इसको समाप्त कर दिया गया है। कानून का मकसद किसान की जमीन बिना उसकी सहमति के छीनना है।
TEAM VOICE OF PANIPAT