वायस ऑफ पानीपत(कुलवन्त सिंह)- करनाल के बसताड़ा टोल पर पुलिस इंस्पेक्टर बेटे हरजिंद्र सिंह की किसानों पर लाठीचार्ज की इंटरनेट मीडिया पर वायरल वीडियो सामने आने के बाद पिता बूटा सिंह ने इनेलो के जिलाध्यक्ष का पद छोड़ दिया है। वे इस मामले की जांच पूरी होने तक बतौर जिलाध्यक्ष काेई भी काम नहीं करेंगे। वहीं पिता व परिवार ने अपने बेटे को पुलिस की वर्दी का फर्ज निभाने की बात कही है और इंटरनेट मीडिया पर वायरल वीडियो को एक षड़यंत्र बताया है। हरजिंद्र सिंह करनाल पुलिस में सीआइए-तीन के इंचार्ज हैं और 27 अगस्त की रात को करनाल में डेरा कार सेवा में ड्यूटी थी। उनको बसताड़ा के हालात बेकाबू होते देख बुलाया था। हरजिंद्र उस दिन अपना फर्ज नहीं निभाता तो करनाल के हालात और भी बिगड़ सकते थे।
इनेलो के जिलाध्यक्ष बूटा सिंह मंगलवार को पूरे परिवार के साथ गांव लुखी स्थित आने निवास पर मीडिया से रूबरू हुए। परिवार के सदस्यों ने किसान आंदोलन में अब तक किए गए संघर्ष और योगदान के बारे में बताया। इंस्पेक्टर हरजिंद्र सिंह के चाचा डा. मेजर सिंह ने कहा कि वे पांच भाई हैं। उनके बड़े भाई बूटा सिंह इनेलो के जिलाध्यक्ष हैं और निरीक्षक हरजिंद्र सिंह के पिता हैं। उनका भतीजा डा. जसविंद्र सिंह खैहरा जननायक जनता पार्टी में युवा जिलाध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिनों कुछ लोग इंटरनेट मीडिया पर उनके परिवार पर किसानों के खिलाफ होने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह सबसे पहले एक किसान हैं। उनके बड़े भाई इनेलो के जिलाध्यक्ष हैं। इनेलो ही ऐसी पार्टी है जो पहले दिन से किसानों के साथ खड़ी है। इतना ही नहीं हरजिंद्र सिंह का भाई सुरेंद्र सिंह खैहरा पिछले नौ माह से किसान आंदोलन में शामिल है। उनकी एक ट्रैक्टर ट्राली आज भी सिंघु बार्डर पर खड़ी है। हमारा परिवार शुरू से ही किसानों के हित के लिए तैयार रहा है। उनका एक भतीजा विक्रमजीत सिंह और उसके भाई अजमेर सिंह और गुरमेर सिंह ने कई बार सिंघु बार्डर पर जाकर किसान आंदोलन में हिस्सा लिया है।
बूटा सिंह ने कहा कि इस तरह की बातें कही जा रही हैं कि जजपा नेता का चचेरा भाई होने पर वह किसानों से बदला ले रहा है। इस बात काे छुपाया जा रहा है कि हरजिंद्र सिंह इनेलो के जिला प्रधान के बेटे हैं। हमें किसानी से ही बाहर किया जा रहा है। हरजिंद्र भी ड्यूटी से घर आने के बाद एक किसान की तरह काम करता है और उनके परिवार के लिए किसानी पहले है। इंटरनेट मीडिया वीडियो में दिखाई दे रहे करनाल के गांव बरसत का पहलवान साहब सिंह भी गांव में परिवार के बीच पहुंचा। उन्होंने बताया कि वह 28 अगस्त को बसताड़ा में था। किसी पुलिस कर्मचारी ने लाठी नहीं मारी। इंटरनेट मीडिया पर बात को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा है। इस मौके पर अजमेर सिंह, गुरमेज सिंह और डा. मेजर सिंह मौजूद रहे।
TEAM VOICE OF PANIPAT