वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह ):- SP लोकेंद्र सिंह आईपीएस ने बताया कि साइबर ठग ठगी को लेकर अलग अलग तरीके अपना रहे हैं। ऐसे में बचाव के लिए सबसे बेहतर जागरूकता ही है ताकि इस प्रकार की स्थिति का सामना नही करना पड़े।
उन्होंने बताया कि आजकल बहुत से बच्चे विदेशों में पढ़ाई के सिलसिले में गए हुए हैं। साइबर ठग इसी चीज का फायदा उठाते हुए विदेशों से कॉल कर कहते हैं कि आपके रिश्तेदार या आपके बच्चे का झगड़ा हो गया है और उस झगड़े में समझौता कराने के लिए पैसे देने पड़ेंगे।
इसके अतिरिक्त साइबर ठग आपको यह भी कहते हैं कि आपके रिश्तेदार या आपके बच्चे का एक्सीडेंट हो गया है। उसको पुलिस ने पकड़ लिया है उसको बचाने के लिए पैसे देने पड़ेंगे। इसके अलावा कहते हैं कि आपके बच्चे को किसी केस में पुलिस ने पकड़ लिया है। जिसकी एवज में वह आपसे पैसों की डिमांड करते हैं। हम अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए बिना सोचे समझे ही उनको पैसे भेज देते हैं और बाद में हमें पता चलता है कि हमारे साथ तो ठगी हुई है।

इसके अतिरिक्त साइबर अपराधी इंटरनेट मीडिया पर किसी भी व्यक्ति की प्रोफाइल को चेक करते हैं और उसकी सारी जानकारी इकठ्ठा करते हैं। इसके बाद नंबर पर काल करते हैं और उसे उसके नाम से पुकारते हैं। ऐसे में व्यक्ति को लगता है कि हो सकता है कोई जानकार हो। शातिर उसे पहचानने की बात करता है, तो व्यक्ति कोई नाम लेता है। जैसे वह कोई नाम लेता है, तो शातिर वही बनकर उससे बातचीत को आगे बढ़ाता है। यही से शातिर अपना खेल शुरू करता है।
कुछ देर की बातचीत के बाद शातिर कहता है कि वह उसके खाते में कुछ रुपये ट्रांसफर कर रहा है। यदि उसे आवश्यकता हो तो इस्तेमाल कर लेना, नहीं तो वह बाद में रकम ले लेगा। इस पर व्यक्ति झांसे में आ जाता है और अपना खात नंबर शातिर को बता देता है। इसी पर कुछ एप के माध्यम से खाते में राशि डालते हैं और कहते हैं कि राशि ट्रांसफर हो रही है और वह ओके क्लिक करके उसे रिसीव कर ले। जैसे ही वह व्यक्ति ओके पर क्लिक करता है, तो उसके बैंक खाता से शातिर द्वारा भरी गई रकम ठग के खाते में ट्रांसफर हो जाती है।
SP लोकेंद्र सिंह ने इस बारे में एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि इस तरह के ठगो से सावधान रहें। यदि इस तरह की कोई फोन कॉल आपके पास आती है तो पहले अच्छी तरह इसकी जांच कर ले, उसके बाद ही अगला कदम उठाएं। हमें सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। साइबर ठग ठगी करने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। आमजन जागरुकता से ही साइबर अपराधियों के चंगुल में आने से बच सकते हैं। इसके बावजूद साइबर क्राइम का शिकार होते हैं तो तुरंत भारत सरकार द्वारा जारी साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर 1930 पर काल करें। उन्होंने बताया की साथ ही साइबर धोखाधड़ी के मामलों में अपनी शिकायत नेशनल साईबर क्राईम रिपोर्टिंग पोर्टल https//www.cybercrime.gov.in पर या साइबर क्राइम थाना में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
TEAM VOICE OF PANIPAT