वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):- दिवाली का पर्व 01 नवंबर को मनाया जाएगा.. इस त्योहार को मानने के पीछे धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीराम 14 साल का वनवास पूरा करने के बाद अयोध्या वापस लौटे थे.. इसी खुशी में अयोध्यावासियों ने दीपक जलाकर उनका भव्य स्वागत किया था। इस पर्व से जुड़े नियम वास्तु शास्त्र में बताए गए हैं.. ऐसा माना जाता है कि इन नियम का पालन करने से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है और जातक को जीवन में कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है.. दिवाली के दौरान घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि मां लक्ष्मी का वास साफ जगह पर ही होता है.. आइए इस लेख में हम आपको बताएंगे कि दिवाली से पहले से घर से किन चीजों का बाहर करने देना चाहिए, वरना घर में नकारात्मकता ऊर्जा और दरिद्रता का वास होता है..
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में टूटा हुआ शीशा रखने से नकारात्मकता ऊर्जा फैलती है और परिवार के सदस्यों को कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.. इसलिए इसे दिवाली से पहले ही घर से बाहर कर दें। इसके अलावा बंद या खराब घडी को भी घर में नहीं रखना चाहिए..
*जंग लगा लोहे के सामान*
घर में जंग लगा लोहे के सामान को नहीं रखना चाहिए.. इस तरह का सामान को समय से पहले ही बाहर कर दें.. माना जाता है कि घर में इस तरह के सामान को रखने से नकारात्मक असर पड़ सकता है.. इसके अलावा बेकार फर्नीचर जैसे कि मेज, कुर्सी या टेबल को घर में रखने से बचना चाहिए..
अगर आपने जूते की अलमारी में फटे-पुराने जूते चप्पल रखें हुए हैं, तो दीवाली की सफाई करते समय इन्हें घर से बाहर करें.. वास्तु के अनुसार, फटे-पुराने जूते चप्पल को घर में रखने से परिवार के सदस्यों को दुर्भाग्य का सामना करना पड़ सकता है..
*खडित मूर्ति को करें विसर्जित*
यदि आपके घर या मंदिर में किसी देवी-देवता की खंडित मूर्ति विराजमान है, तो उसे दिवाली पहले ही नदी या तालाब में विसर्जित कर दें.. वास्तु के अनुसार, घर में खंडित मूर्ति को रखना शुभ नहीं माना जाता है.. यह मूर्तियां जातक के जीवन का दुर्भाग्य की वजह बन सकती हैं..
TEAM VOICE OF PANIPAT