वायस ऑफ पानीपत(सोनम)- वायरल संक्रमण से निपटने में संतुलित खानपान से आप न सिर्फ इम्यून सिस्टम मजबूत कर सकते हैं, बल्कि वायरल इंफेक्शन से लेकर बैक्टीरिया, वायरस और परजीवियों के संक्रमण को खुद को दूर रख सकते हैं। यदि बरसाती मौसम में बुखार, खांसी-जुकाम, थकान और सांस लेने में तकलीफ होती है, तो डाक्टर के पास जाने से पहले घरेलू नुस्खे अपना सकते हैं। नेचुरोपैथी में आयुष एक कारगर उपाय है। इसमें आपकी रसोई से लेकर आसपास मौजूद जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें तुलसी का काढ़ा, शहद, अदरक और हल्दी का सेवन बुखार में आराम देता है, जबकि धनिया की चाय प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है, क्योंकि इसमें एंटी आक्सीडेंट गुण होते हैं। चावल का माढ़ भी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर है। मेथी का पानी, लहसुन, पुदीना तथा प्रोटीन और विटामिन युक्त सब्जियां भी फायदेमंद हैं। योग एवं प्राणायाम भी लोगों को सेहतमंद रखते हैं। योगाचार्य डा. रविंद्र पोरवाल के मुताबिक नैचुरोपैथी की मदद से मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है।
वायरल बुखार से बचने के लिए बारिश के मौसम में नियमित तुलसी का सेवन करें। सुबह चाय में तुलसी की पत्तियां मिलाएं। पानी में भी इसे प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए एक चम्मच लौंग के पाउडर में 20 पत्ते तुलसी के डालकर एक लीटर पानी में उबाल लें। हर दो घंटे में इसका सेवन करें। यह बैक्टीरिया रोधी, कीटाणुनाशक, जैविक रोधी और कवकनाशी होता है।
अब आपको बताते हैं किन चीजों का इस्तेमाल करने से बीमारी से बचा जा सकता है- बिना दूध की चाय बनाएं, लेकिन उसमें अदरक का रस और शहर जरूर मिलाएं। हल्के गर्म पानी के साथ भी अदरक का सेवन कर सकते हैं। ऐसा करने पर वायरल संक्रमण से गले में होने वाले दर्द और बुखार से आराम मिलता है। इसके अलावा सूखी अदरक और हल्की का प्रयोग भी लाभकारी है। इसमें एंटी फ्लेमेबल, एंटी आक्सीडेंट और वायरल बुखार को कम करने का गुण होता है। अदरक के साथ पानी में थोड़ी हल्दी, कालीमिर्च, दालचीनी भी उबाल लें। दिन में चार बार थोड़ा-थोड़ा पानी पीने से वायरल बुखार में आराम मिलता है। चावल का स्टार्च (माढ़) बुखार में बेहद कारगर है। इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। खासकर बुखार से पीडि़त बच्चों और व्यस्कों के लिए ये पौष्टिक पेय का भी काम करता है, लेकिन से गर्म ही पीना चाहिए।
इसके साथ पानी में एक चम्मच धनिया के बीज डालकर उबालें और उसे दूध और चीनी में मिलाकर सेवन करें। इससे वायरल बुखार में आराम मिलता है और प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। मौसमी बुखार में सबसे घातक डेंगू है। इससे हड्डी तोड़ बुखार आता है। खून में प्लेटलेट््स की मात्रा गिरने से खतरा बढ़ जाता है। दरअसल डेंगू का वायरस लिवर और स्प्लीन पर आक्रमण करता है। इससे बचाव के लिए पपीते और पीपल के पत्ते का रस सबसे कारगर उपाय है। इसके सेवन से लाभ मिलता है। वहीं रसोई घर में उपलब्ध मेथी के बीज में डायेसजेनिन, सपोनिन्स और अल्कालाइड आदि औषधीय तत्व होते हैं। डेंगू संक्रमित मरीज को ज्यादा मात्रा में हरा सोया एवं थोड़ी मात्रा में मेथी की बिना आलू की सब्जी नींबू डालकर दिन में तीन बार खिलाएं। मेथी के बीज, नींबू के रस और शहद का मिश्रण तैयार कर खिला सकते हैं। इससे आराम मिलेगा। प्लेटलेट्स गिरने से बचाने के लिए लहसुन-अदरक मिला पालक का जूस बेहद कारगर है। इसे हल्का गुनगुना करके शाम 4 बजे या 5 बजे सेवन करना चाहिए। चुकंदर और गाजर का ताजा रस सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच लेना चाहिए। इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
आपको बता दें कि केली के पीले या लाल फूल को तले पर जलाकर भस्म बनाएं। इसमें लौंग, बड़ी इलाइची, काली मिर्च को बराबर मात्रा में मिलाकर पाउडर बना लें। इसकी चौथाई चम्मच औषधि सुबह, दोपहर और शाम को दो चम्मच शहद में मिलाकर चाटें। इसके बाद 100 मिली पपीते और पीपल के पत्ते उबाल कर गर्म पानी में तैयार जूस की तरह पीएं। इससे प्लेटलेट्स बढ़ती हैं। मच्छर काटने पर मलेरिया परजीवी को शरीर में छोड़ देता है, जो खून में संक्रमण फैलाता है। हड्डियों व पूरे शरीर में कष्टकारी दर्द, सर्दी के साथ तेज बुखार आता है। ऐसे में लेमन घास, तुलसी पत्ती और अदरक तीनों को मिलाकर पांच मिली रस में 20 किमली शहर मिलाकर सुबह-दोपहर और शाम को चाट लें। इससे लाभ मिलने लगता है।
घातक मलेरिया के संक्रमण में सत अजवाइन, लौंग का तेल और पिपरमेंट तीनों को पांच-पांच ग्राम लेकर औषधि तैयार कर लें। इसकी बूंद को चीनी के बतासे में डालकर दिन में तीन-चार बार रोगी को खिलाएं। तेज बुखार को उतारने में महासुदर्शन चूर्ण और गोदंती भस्म देना भी लाभकारी है
खांसी-जुकाम और सीने में जकडऩ है तो भाप लें, गुनगुना पानी पीएं, डॉक्टर से परामर्श से दवाएं लें, ठंडा पानी पीने और एसी-कूलर में सोने से बचें, नमक के पानी से गुनगुने पानी से गरारे कर सकते हैं, मच्छरों से बचाव के लिए फुल कपड़े पहनें, आसपास पानी और कूड़ा जमा न होने दें, हेल्थी फूड और सब्जियों का सेवन करें, तली-भुनी चीजों से बचें, फलों के रस का सेवन करते रहें, बीमारी महसूस होने पर देर न करें और डाक्टर की सलाह लें, खुद को हाइड्रेंट रखने के लिए पानी का सेवन जरूर करें जो शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है।
TEAM VOICE OF PANIPAT