वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- हरियाणा के बहुचर्चित रेवाड़ी गैंगरेप मामले में नारनौल की क्राइम अगेंस्ट वूमेन स्पेशल कोर्ट सजा सुनाएगी। दोपहर तक फैसला आने की उम्मीद है। न्यायाधीश मोना सिंह की कोर्ट ने एक दिन पहले ही वारदात के मुख्य आरोपी नीशू फोगाट, मनीष और पंकज फौजी को दोषी ठहराया था।
दोषी ठहराए गए तीनों युवक पीड़िता के गांव के ही हैं। 5 आरोपियों को कोर्ट ने संदेह के लाभ में बरी कर दिया है। 3 साल तक कोर्ट में चले इस मामले में कुल 33 गवाह पेश हुए। दोनों पक्षों की बहस के बाद न्यायाधीश मोना सिंह की कोर्ट ने गुरुवार को आरोपी नीशू फोगाट, मनीष और पंकज फौजी को आईपीसी की धारा 328, 365, 376डी के तहत दोषी करार दिया।
दरअसल, 12 सितंबर 2018 को रेवाड़ी के कोसली क्षेत्र की रहने वाली छात्रा के साथ गैंगरेप की वारदात हुई थी। छात्रा उस दिन अपने घर से महेन्द्रगढ़ जिले के कनीना में कोचिंग के लिए गई थी। रास्ते से ही नीशू फोगाट, पंकज फौजी और मनीष ने उसे कार में अगवा कर लिया था। तीनों ने उसे पानी में नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश किया। बेहोशी की हालत में वे उसे एक सुनसान जगह कोठड़े में ले गए थे, जहां तीनों युवकों ने उसके साथ गैंगरेप किया था। उसके बाद लड़की को कोठड़े पर ही छोड़कर फरार हो गए थे। इतना ही नहीं लड़की के कोठड़े में पड़े होने की सूचना भी दोषियों ने ही उसके परिजनों को दी थी।
केस की जांच के लिए सरकार ने सीनियर आईपीएस अफसर नाजनीन भसीन के नेतृत्व में SIT गठित की थी। 4 दिन बाद 16 सितंबर को पुलिस ने मास्टर माइंड नीशू फोगाट को गिरफ्तार किया था। उसके बाद मनीष व पंकज फौजी सहित कोठड़े के मालिक दीनदयाल, नवीन, अभिषेक, मनजीत और संजीव को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन कोठड़े के मालिक दीनदयाल, नवीन, अभिषेक, मनजीत और संजीव को बरी कर दिया गया है।
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