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September 25, 2023
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हरियाणा सरकार का बड़ा एलान, रिश्वत लेने वाले हो जाए सावधान

वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा):- राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, आबकारी एवं कराधान और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में सुधारों के बाद अब प्रदेश सरकार ने परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार पर बड़ी चोट की है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों (RTA) के पद खत्म कर सभी जिलों में जिला परिवहन अधिकारी (DTO) लगाए जाएंगे। IAS और HCS अफसरों के साथ ही IPS और HPS या फिर दूसरे महकमों के प्रथम श्रेणी अधिकारियों को इन पदों पर तैनात किया जाएगा।

चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में पत्रकारों से रू-ब-रू मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह घोषणा की। प्रदेश में वर्ष 2005 तक जिला परिवहन अधिकारी होते थे, जिनकी जगह तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की सरकार ने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों की नियुक्तियां की थी। तब चार-पांच जिलों पर एक RTA होता था। RTA कार्यालयों में भ्रष्टाचार की लगातार शिकायतों के बाद मनोहर सरकार ने पहली पारी में सभी RTA सचिवों को हटाकर अतिरिक्त उपायुक्तों को इसकी अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंप दी थी। इसके बावजूद भ्रष्टाचार की शिकायतें कम नहीं हुई तो अब अतिरिक्त उपायुक्तों की जगह पूर्ण कालिक DTO लगाने का फैसला लिया गया है। स्थानीय इकाइयों को शक्तिशाली बनाने के लिए प्रदेश सरकार पहले ही स्वतंत्र रूप से जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) तथा जिला परिषद आयुक्तों (डीएमसी) की नियुक्तियां कर चुकी है।

RTA कार्यालयों मे दलालों का नेटवर्क तोडऩे के लिए फूल प्रूफ सिस्टम बनाया गया है। पूरे प्रदेश में करीब 250 दलालों की सूची तैयार की गई है जिनकी सूची नवनियुक्त DTO को दी जाएगी। RTA आफिस के बाहर भी यह सूची चस्पां रहेगी ताकि कार्यालयों में उनकी एंट्री न हो सके। प्रदेश में कई वाट्सएप ग्रुप बने हुए हैं जिनमें ट्रांसपोर्टर, बिचौलिये और दफ्तर के कर्मचारी शामिल हैं। छापामारी के लिए टीमें निकलने से पहले ही वाट्स-एप ग्रुपों पर सूचनाएं वायरल हो जाती है। इन वाट्सएप ग्रुपों पर भी सरकार नजर रखेगी।

छापामारी के दौरान DTO की टीम के सदस्यों पर बाडी कैमरा लगाए जाएंगे, जिससे मौके की सारी रिकार्डिंग निदेशालय स्तर पर देखी जा सकेगी। ओवरलोड गाड़ियों की धरपकड़ के लिए सड़कों पर आटोमेटिक पोर्टेबल स्केल सड़क पर रखे जाएंगे। वाहन चालक को पता भी नहीं लगेगा और इन स्केल के ऊपर से वाहन निकलते ही उसका भार कंप्यूटर में दर्ज हो जाएगा। इसके तुरंत बाद आगे खड़ी टीम ओवरलोड वाहन को पकड़ लेगी। फिलहाल ऐसे 45 स्केल खरीद लिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 150 करोड़ रुपये की लागत से छह सेंटर बनाए जाएंगे जिनके माध्यम से वाहनों को इलेक्ट्रानिकली फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाएगा। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक बनाए जाएंगे ताकि लाइसेंस जारी करने में फर्जीवाड़ा खत्म हो। ओवरलोडिंग रोकने के लिए भूगर्भ एवं खनन विभाग के ई-रवाना साफ्टवेयर और परिवहन विभाग के वाहन सॉफ्टवेयर को जोड़ा जाएगा।

शहरों में वाहनों की पार्किंग की जिम्मेदारी भी अब DTO की होगी। स्थानीय निकायों और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के साथ मिलकर DTO ट्रांसपोर्ट नगर सहित पूरे शहर में पार्किंग की समस्या का हल निकालेंगे। प्रदेश में करीब सवा लाख कमर्शियल वाहन हैं जिनकी शिकायतों को निपटाने के लिए जल्द ही एक हेल्प लाइन शुरू की जाएगी।

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