वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- 4 साल पहले महज 12 साल की बच्ची के साथ 2 दरिंदो से ऐसी दरंदगी कि. जिसे सुनकर आपकी भी रुह कांप जाएंगी. इस मामले मे देर से सही बच्ची को उसके परिजनो को न्याय जरूर मिला.बच्ची लेकिन अब इस दुनिया मे नही है.लेकिन उसे कोर्ट ने आज न्याय जरूर दिलवाया. उसके साथ दरिंदगी की सारी हदे पार करने वाले दोषियो को कोर्ट ने फांसी की सजा सुना दी है.बड़ा फैसला जरूर है.क्योकि ऐसे आरोपियो को फांसी से कम सजा देना समाज के लिए भी अन्याय है.कोर्ट ने अब दोनो आरोपियो को फांसी की सजा सुनाकर एक बड़ा फैसला जरूर लिया है.
बच्ची अपने मामा के घर रहती थी.तारीख थी 13 जनवरी 2018. उस दिन बच्ची कूड़ा डालने के लिए तसला लेकर घर से निकली थी. की तभी पड़ोस के ही दोनो आरोपी सागर और प्रदीप घर के बाहर खड़े थे. दोनों ने बच्ची का पीछा किया और रास्ते से उसे उठा लिया. इसके बाद बच्ची को कमरे में लेकर गए. यहा पर दोनो ने पहले तो उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया. और जब बच्ची ज्यादा शोर मचाने लगी तो दोनों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी. इतना ही नही दोनो दरिंदो ने बच्ची के शव के साथ भी फिर से रेप किया और फिर उसके शव को नग्न अवस्था मे नाले मे फैक दिया.
मामला मतलौडा थाना अंतर्गत गांव का है। पानीपत में दोनो हैवानों को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है..दोनों हैवानों ने एक 12 साल की मासूम बच्ची की हत्या कर दी थी। शव के साथ दुष्कर्म किया था। बाद में मासूम का शव नाले में फेंक दिया था। एक दिन बाद परिजनों को नग्न अवस्था में मासूम का शव मिला था। मतलौडा थाना क्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उसकी बड़ी बहन विवाहित है। बहन की 12 साल की बेटी बचपन से ही उसके पास रहती थी। 13 जनवरी 2018 की शाम करीब 6 बजे उसकी भांजी घर का कूड़ा फेंकने के लिए बाहर गई थी, जोकि उसी समय से लापता हो गई थी। उसकी परिजनों ने रातभर तलाश की, मगर उसका कही कोई भेद नहीं लगा था। 14 जनवरी 2018 को भांजी का शव नग्न अवस्था में गांव की एक चौपाल के पास पड़ा मिला था। मामा ने पुलिस को कहा था कि उसे नहीं पता कि यह वारदात किसने की है और न ही उसको किसी पर शक है। जिसने भी यह वारदात की है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी को जल्द ही सुलझाते हुए 14 जनवरी 2018 को वारदात में शामिल बच्ची के पड़ोस में रहने वाले दो युवक प्रदीप व सागर को गिरफ्तार किया था। उन्होंने पुलिस पूछताछ में इस घिनौनी वारदात को अंजाम देने के बारे में स्वीकार किया था।
दोषियों ने पुलिस को बताया था कि वह दोनों पक्के दोस्त हैं। 13 जनवरी 2018 की शाम करीब साढ़े 5 बजे वह दोस्त सागर के साथ अपने घर के बाहर खड़ा था। इसी दौरान उनकी आंखों के सामने से बच्ची हाथ में कूड़ा लेकर दूसरी जगह पर फेंकने के लिए जाती हुई दिखाई दी। जिसे देखकर दोनों ने ही उसके साथ दुष्कर्म करने का प्लान बनाया। जब बच्ची कूड़ा फेंक कर वापस लौट रही थी तो प्लान के मुताबिक सागर ने उसका मुंह दबा लिया और प्रदीप ने उसे उठा लिया। इसके बाद दोनों उसे मकान में ले गए। मकान में ले जाने के बाद पहले प्रदीप और फिर सागर ने दुषकर्म किया था। इसके बाद जब बच्ची चीखने-चिल्लाने लगी तो दोनों ने उसके गले में डली शॉल से उसका गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी। हत्या करने के बाद दोनों दरिंदों ने शव को पूरा नग्न कर दिया और फिर बारी-बारी शव के साथ भी दुष्कर्म किया। पकड़े जाने के डर से उसके कपड़ों को जला दिया और तसले को छत पर छिपा दिया। शव को चौपाल के पास नाले में नग्न अवस्था में फेंक दिया था। वारदात के बाद दोनों फरार हो गए थे। परिवार वाले बेटी की तलाश करते रहे। 14 जनवरी की सुबह मासूम का शव गंदे नाले में पड़ा देखा। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। परिवार वालों को किसी पर भी शंका नहीं थी। इसके बाद पुलिस जांच में आरोपितों का पता चला। प्रदीप ने रिमांड में गुनाह कबूल किया और सागर को भी गिरफ्तार कर लिया गया। और अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमित गर्ग की कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोनों दोषियों को लेकर कहा कि ऐसे लोगों को समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है, ये लोग समाज के लिए खतरा है।
जब ये घटना हुई थी उस वक्त पानपत के एसपी राहुल शर्मा थे..उन्होने कहा था कि मामला फास्ट ट्रेक कोर्ट मे चलना चाहिए. दोषियो को सख्त सजा मिलनी चाहिए. और हुआ यही. 4 साल बाद परिवार को न्याय मिला और दोनो दरिंदो को फांसी की सजा सुनाई गई है.
TEAM VOICE OF PANIPAT