वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):- हरियाणा में भाजपा पार्टी के अंदर बदलाव करने की तैयारी में है.. कुछ जिलो के जिला अध्यक्षों को हटाया जा सकता है.. उनकी जगह पर नए चेहरों की नियुक्ति की जा सकती है.. हालांकि इनको बदलने और नए चुनने का अंतिम फैसला कोर कमेटी और छोटी टोली की मीटिंग में होगा, लेकिन 5 जिलों के अध्यक्षों का बदलना तय है.. रोहतक और सिरसा के जिला प्रधानों को हटाना तय है.. इसमें अलावा 3 और जिलों में भी बदलाव हो सकता है.. विधानसभा चुनाव में इन दोनों जिलों में भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया था..

*जनता पर पकड़ वाले चेहरों को मिलेंगी जिम्मेदारी*
सिरसा चौटाला परिवार और रोहतक पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा का गढ़ है.. इसके अलावा भाजपा फतेहाबाद, झज्जर और नूंह को लेकर भी चौंकाने वाला फैसला ले सकती है.. भाजपा इन जिलों में नए चेहरों की तलाश में है.. ऐसे चेहरों को शामिल किया जाएगा, जिनकी जनता पर पकड़ हो और उनकी छवि अच्छी हो.. वह किसी विवाद और गुटबाजी से दूर रहे हों..
*सिरसा और फतेहाबाद में सभी सीटों पर भाजपा को मिली थी हार*
सिरसा और फतेहाबाद की सभी 8 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की.. किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर इन जिलों में देखने को मिला.. इन सीटों पर जाटों के साथ-साथ जट्ट सिख मतदाताओं की नाराजगी भी देखने को मिली.. ऐसे में पार्टी सिरसा में जाट और फतेहाबाद में किसी पंजाबी चेहरे पर दांव खेल सकती है..
*रोहतक में ब्राह्मण या पंजाबी चेहरे पर दांव खेल सकती है भाजपा*
रोहतक लोकसभा के अंतर्गत आने वाली सीटों पर हुड्डा फैक्टर अभी भी काम कर रहा है.. दोनों जिलों की 8 में से 7 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की.. भाजपा ने अभी यहां जाट चेहरे को आगे कर जिलाध्यक्ष बनाया था.. मगर इसका खास फायदा पार्टी को नजर नहीं आया.. ऐसे में पार्टी किसी किसी ब्राह्मण या पंजाबी चेहरे पर दांव खेल सकती है.. यही रणनीति झज्जर में भी इस्तेमाल की जाएगी। मेवात की तीनों सीटों पर भाजपा कोई कमाल नहीं कर पाई.. यहां नूंह दंगों का असर देखने को मिला था.. पार्टी में जिलाध्यक्ष बनने की दौड़ में यहां से मुस्लिम और हिंदू चेहरे दोनों के आवेदन आए हैं..

TEAM VOICE OF PANIPAT