वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- दीपावली पर पटाखे जालाने के बाद वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। वहीं रोहतक में पर्यावरण प्रदूषण के बड़े कारणों में पराली जलाना भी हैं। रोहतक में भी पराली जलाने के मामलों में अब इजाफा हो रहा है। हालांकि अभी इसकी गति धीमी है और जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। जिले में पराली जलाए जाने के अब तक पांच मामले सामने आ चुके हैं जबकि दो अन्य मामले में जांच पड़ताल की जा रही है।
पराली जलाने के मामलों की रोकथाम के लिए कृषि विभाग के अधिकारी भी अलर्ट बने हुए हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक जिले में कहीं से भी पराली जलाने संबंधित कोई सूचना मिलने पर मौका मुआयना किया जा रहा है। इस महीने में अब तक विभाग को पराली जलाने से जुड़ी कुल 33 सूचनाएं मिली है। जिनका मौका मुआयना भी किया गया है। अधिकारियों का दावा है कि इनमें से 26 सूचनाओं के आधार पर विभाग की टीम जब मौके पर पहुंची तो वहां पराली जलाई न होकर घास-फूस में आग लगी होना पाया गया।
अब तक जिन पांच किसानों के खेतों में पराली जलाए जाने की पुष्टि हुई है, उन किसानों पर विभाग की ओर से जुर्माना लगाया गया है। प्रत्येक किसान पर 2500-2500 रुपये जुर्माना किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक अनेक किसान अब जागरूक भी हो रहे हैं और उन्होंने पराली जलाने की बजाय उससे मुनाफा कमाना शुरू कर दिया है। लेकिन कुछ किसान अब तक भी ऐसे हैं जो जाने अनजाने में पराली जला रहे हैं। ऐसे किसानों पर सरकार की टेढी नजर है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से गांवों में निगरानी भी की जा रही है। पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना करने के साथ ही उनको सख्त हिदायत भी दी गई है। विभाग की ओर से पराली प्रबंधन के प्रति किसानों को गांवों में जाकर जागरूक भी किया जा रहा है।
TEAM VOICE OF PANIPAT