वॉयस ऑफ हरियाणा(देवेंद्र शर्मा)- टोक्यो में चल रहे पैरालिंपिक में औद्योगिक जिले के एथलीट आज दोपहर तीन बजे भाला फेकेंगे। इसे लेकर जिलेवासियों में काफी उत्साह है। वहीं रंजीत के पिता रामबीर सिंह और मां वैजंती सुबह से ही अपने बेटे की जीत के लिए प्रार्थना कर रही हैं। वहीं रंजीत के मुकाबले को लेकर क्षेत्रवासियों में भी काफी उत्साह है। उन्होंने रंजीत के घर पर ही मुकाबला देखने की व्यवस्था की है। रंजीत सिंह भाटी मूलरूप से आदर्श नगर करे रहने वाले हैं और भाला फेंक के अभ्यास के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के जीवन पर आधारित फिल्म से प्रेरणा लेकर नौकरी छोड़ दी थी। रंजीत एक किसान परिवार से आते हैं। इसके चलते उन्हें पैरालिंपिक का सफर तय करने में काफी परेशानियां हुई थी। आर्थिक तंगी ने कई बार अभ्यास में बाधा डालने की कोशिश की, लेकिन रंजीत ने उन्हें अपनी सूझबूझ से पार कर लिया।
रंजीत वर्ष 2012 में यमुना एक्सप्रेस सड़क दुर्घटा का शिकार हो गए थे। ठीक होने तीन साल का समय लगा था। पूरी तरह ठीक होने के बाद दिल्ली में एक एनजीओ के सहयोग से स्किल डेवलपमेंट का काम सीख रहे थे। वह बिल्कुल सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे थे। वर्ष 2015 में रंजीत की मित्रता प्रदीप नाम के व्यक्ति से हुई। उन्होंने रंजीत को पैरा खेलों के बारे में बताया। इसके बाद रंजीत जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में अभ्यास करने लगे। नौकरी के चलते खेल को समय नहीं दे पा रहे थे। नौकरी और खेल को लेकर काफी कसमकस रहते थे। घर पर बिना परामर्श किए नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से अभ्यास में जुट गए। आर्थिक तंगी के चलते नेहरू स्टेडियम छोड़कर वर्ष 2017 से राज्य खेल परिसर सेक्टर-12 में अभ्यास करने लगे। यहां पर खेल उपनिदेशक गिर्राज सिंह से मुलाकात हुई थी। उन्होंने रंजीत की पूरी मदद की।
रंजीत के घर आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। परिवार आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से वह कभी आर्थिक सहयोग के लिए बोल नहीं सके। कई बार ऐसी नौबत भी आई कि रात को खाना खा लिया, तो यह तय नहीं होता था कि सुबह भोजन मिलेगा या नहीं। यहां तक पहुंचाने में बहुत लोगों ने सहयोग किया है। एक खिलाड़ी को बेहतर अभ्यास के लिए कोच और डायट की आवश्यकता थी। इन दोनों का ही खर्च वहन नहीं करने के चलते खेल छोड़ने का मन बना लिया। रंजीत ने वर्ष 2019 में मोरक्को ग्रांड प्रिक्स में हिस्सा लिया था और चौथा स्थान प्राप्त किया था। इस वर्ष गुरुग्राम में हुई राज्य स्तरीय प्रतियोगिता और बेंगलुरु में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर पैरालिंपिक ट्रायल के लिए क्वालीफाई किया। उपनिदेशक खेल विभाग गिर्राज सिंह ने बताया कि रंजीत में पदक जीतने की क्षमता है।।
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