वायस ऑफ पानीपत(देवेंद्र शर्मा)- मामला उत्तर प्रदेश के बदायूं का है। जहां पर सर्राफ की हत्या की वारदात थाने से महज 200 कदम की दूरी पर हुई है। बदमाश पैदल ही सर्राफ की दुकान तक पहुंचे थे। उस दौरान दुकान पर सर्राफ का बेटा निखिल और पत्नी दुकान पर बैठी थी। जबकि राकेश गुप्ता घर के अंदर था। बदमाश सर्राफ की पत्नी से दुकान में कपड़े देखने लगे थे। कपड़े देखने के दौरान बदमाश 15 मिनट तक सर्राफ की पत्नी को बातों में उलझाए रहे। इसके बाद बदमाशों ने सर्राफ को बुलाने के लिए कहा। पत्नी द्वारा सर्राफ को घर के अंदर से बुलाया गया।
इस बीच सर्राफ दुकान में ग्राहक के आने के चलते घर से दुकान के बाहर आया और उन्होंने पत्नी को घर के अंदर जाने को कहा। इस बीच बैखौफ बदमाशों ने सर्राफ के गोली मार दी। गोली मारने के दौरान सर्राफ का बेटा ही दुकान पर मौजूद था। जिसके बाद बदमाश पैदल ही वहां से भाग निकले। इधर, गोली की आवाज होते ही आस पड़ोस के लोग बाजार में इकठ्ठा हो गए। तब तक बदमाश मौके से फरार हो चुके थे। हत्याकांड के पीछे स्वजन भले ही रंजिश से इंकार कर रहे हो, लेकिन जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया गया है, उससे कयास लगाए है कि बदमाशों और सर्राफ की रंजिश थी। पुलिस टीम हत्यारोपितों के चेहरे तस्दीक करने के लिए इलाके में दबिश जारी है
मृतक सर्राफ राकेश गुप्ता हजरतपुर क्षेत्र के गांव भाऊनगला के ग्राम प्रधान अमित गुप्ता के चचेरे भाई थे। हत्या के पीछे रंजिश को लेकर सभी स्वजन कुछ बोलने को राजी नहीं है। मृतक चार भाइयों में तीसरे नंबर का था। उस पर बेटा निखिल और बेटी कलावती है। सर्राफ राकेश गुप्ता की दुकान के सामने आढ़त व्यापारी अनिल गुप्ता की दुकान है। वारदात के समय अनिल के यहां गाड़ी लोड हो रही थी, इस बीच गोली की आवाज हुई। अनिल गुप्ता ने आवाज सुनते ही वहां आए। जहां खून से लथपथ में राकेश गुप्ता अपनी दुकान में पड़े हुए थे। आढ़त गुप्ता ने अंधरे में भाग रहे बदमाशों को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन तब तक वह अंधेरे की वजह से लापता हो चुके थे।
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