वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)
बसपा हरियाणा विधानसभा चुनावों में अकेले ही मैदान में उतरेगी। पार्टी प्रदेश की सभी 90 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। सोमवार को बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने यह जानकारी दी। उन्होंने साफ कर दिया कि हरियाणा में कांग्रेस या किसी और पार्टी से गठबंधन नहीं किया जाएगा। मिश्रा के इस बयान के बाद बसपा के कांग्रेस के साथ गठबंधन की चर्चाओं पर विराम लग गया। इससे पहले बसपा ने दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी से गठबंधन किया था।
हरियाणा में जेजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान करते हुए मायावती ने ट्वीट कर लिखा था कि, बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है और सीट बंटवारे में जेजेपी का रवैया ठीक नहीं था। इसलिए स्थानीय नेताओं के सुझाव पर गठबंधन खत्म किया जाता है। दुष्यंत ने मायावती के निर्णय के जवाब में कहा कि हमने बसपा को पूरा सम्मान दिया था। 11 अगस्त को दिल्ली में दुष्यंत चौटाला और बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने साथ विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। तय था कि जेजेपी-50 व बसपा-40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
हरियाणा में बसपा ने 1998 में इंडियन नेशनल लोकदल के साथ गठबंधन किया था। 2009 में कुलदीप बिश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्रेस के साथ गठबंधन किया। मई 2018 में फिर से इंडियन नेशनल लोकदल के साथ मिलकर चलने का फैसला किया गया, लेकिन यह गठबंधन 9 महीने बाद ही टूट गया। जींद उपचुनाव में करारी हार के बाद बसपा का इनेलो का अस्तित्व खतरे में नजर आने लग गया। इनेलो के साथ गठबंधन तोड़कर फरवरी 2019 में राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी का साथ लेने का मन बनाया है। हालांकि यह गठबंधन भी ज्यादा दिन नहीं चल पाया।
TEAM VOICE OF PANIPAT