वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा) -: कोरोना ने आम आदमी की जिंदगी को कितना प्रभावित किया है,ये हम सब जानते हैं.लेकिन खिलाड़ियों की जिंंदगी पर कोरोना का कितना असर हुआ है। आज हम ये आपको बताएंगे,हम बात कर रहे हैं कुश्ती खिलाड़ियों की। अभ्यास करने के लिए कोच भी है, मैदान भी है, पार्टनर भी है लेकिन समस्या है तो कोरोना की। कोरोना वायरस ने खिलाड़ियों के अभ्यास पर भी रोक लगा दी है।
खिलाड़ी अब पहले की तरह कुश्ती का अभ्यास न कर सिर्फ अपने वर्कआउट पर ध्यान दे रहे हैं। खेल जगत में कई खेल ऐसे हैं जिनमें एक खिलाड़ी दूसरे के सम्पर्क में आते हैं और प्रैक्टिस करते हैं। लेकिन, जब से कोरोना ने जिंदगी में दस्तक दी है तब से प्रैक्टिस पहले जैसी नहीं रही। खिलाड़ियों को भी इस बात का डर रहता है कि कहीं कोरोना उन्हें भी अपनी चपेट में ना ले ले।
कुश्ती खिलाड़ी नैना बताती हैं कि जब लॉकडाउन हुआ तो उन्हें सबसे पहले अपने खेल की प्रैक्टिस की फिक्र हुई। लेकिन घर पर रहकर ही उन्होंने कोच का सहारा लेकर सिर्फ वर्कआउट को जारी रखा। प्रैक्टिस न हो पाने का खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ा। अनलॉक फेज शुरू होने के बाद भी हालात ज्यों के त्यों हैं। वहीं, 18 साल से कुश्ती खेलने वाले खिलाड़ी भीम ने कभी नहीं सोचा था कि जिंदगी में कभी ऐसा दौर आएगा।पार्टनर प्रैक्टिस कुश्ती में बेहद जरूरी होती है जो फिलहाल नहीं हो रही।
TEAM VOICE OF PANIPAT