वॉइस ऑफ़ पानीपत कुलवन्त सिंह:- प्रॉपर्टी टैक्स के लिए नगर निगम एक वेबसाइट बनाने जा रहा है। इसके जरिए शहरवासियों को मोबाइल फोन पर प्रॉपर्टी टैक्स के बिल मिलेंगे। लोग अपनी आईडी के आधार पर ऑनलाइन ही बिल जमा कर सकेंगे। अगर आप बिल से संतुष्ट नहीं हैं तो ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनाें तरह से शिकायत कर सकेंगे। निगम 4 साल के प्रॉपर्टी टैक्स का रिकाॅर्ड बनवाने जा रहा है।इसके लिए टेंडर से एजेंसी तय की जाएगी।निगम कमिश्नर सुशील कुमार ने बताया कि दो एजेंसियों ने दूसरी बार टेंडर भरे हैं। दोनों में से कम रेट लेने वाली एजेंसी को जिम्मेदारी दी जाएगी। वेबसाइट बनाने पर नगर निगम को करीब 35 लाख रुपए खर्च आएगा।
वेबसाइट पर क्या-क्या नया होगा:-मोबाइल नंबर तक अपडेट होगा, ठेका लेने वाली एजेंसी के कर्मचारी डोर टू डोर प्रॉपर्टी टैक्स के बिल बांटेंगे। लोगों के नाम, मोबाइल नंबर और पूरा एड्रेस लेकर वेबसाइट पर चढ़ाएंगे। फिर अगली बार वेबसाइट की मदद से मोबाइल पर ही बिल भेजा जाएगा। 4 साल का रजिस्टर बनेगा। इसमें प्रॉपर्टी मालिक का नाम, उस पर कुल प्रॉपर्टी टैक्स, जमा और बकाया लिखा जाएगा। आगे उसी के आधार पर प्रॉपर्टी टैक्स लिए जाएंगे। टेंडर से तय की जाने वाली एजेंसी प्राॅपर्टी टैक्स का बिल बनाएगी। फिर, बिल घर-घर पहुंचाएगी।
प्रॉपर्टी टैक्स का कोई रिकाॅर्ड ही नहीं, इसलिए वेबसाइट बनाना जरुरी हो गया।तत्कालीन संयुक्त कमिश्नर की जांच में प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने में बड़ी धांधली सामने आई थी। 1 अप्रैल 2019 से 11 फरवरी 2020 के बीच जमा कराए गए बिलों में से जांच के लिए 535 प्रॉपर्टी सैंपल के लिए उठाए गए थे। जांच में पता चला कि 535 प्रॉपर्टी पर 5.87 करोड़ का टैक्स बनता था, लेकिन डीसी रेट के कर्मचारियों ने 2.48 करोड़ लेकर बकाया 3.50 करोड़ को शून्य बना दिया। जिसका निगम के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। इसलिए कमिश्नर सुशील कुमार एक ऐसी वेबसाइट बनाने जा रहे हैं, जिसमें पूरा रिकॉर्ड हो और आगे से कोई गड़बड़ी भी न की जा सके।
TEAM VOICE OF PANIPAT