वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश को फिर से विश्व गुरु बनाने के लिए विद्यार्थियों को शिक्षा लेने के साथ चरित्र और संस्कारवान बनना होगा। अगर शिक्षा के साथ-साथ संस्कार नहीं सीखे तो शिक्षा किसी काम की नहीं। संस्कार के बिना शिक्षा आतंकवादी बनाती है। यहां के ऋषि-मुनियों से संस्कारों की शिक्षा मिली है और पूरे विश्व को अपना परिवार समझा है। देश को विश्व की महाशक्ति बनाने की बजाय विश्व गुरु बनाने में अपना फोकस रखना होगा।
ये बातें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) में कहीं जहां वो 17वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे थे। इससे पहले शैक्षणिक शोभायात्रा के साथ केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह का भव्य स्वागत किया गया। वहीं केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी, एक्सिस एयरोस्पेस एंड टेक्नोलॉजी के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एस रविनारायणन, कुरुक्षेत्र सांसद नायब सिंह सैनी, निट के निदेशक पदमश्री डॉ. सतीश कुमार व कुलसचिव डॉ. सुरेंद्र देशवाल ने दीप प्रज्वलित करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम में अलग-अलग विषयों में पीएचडी की डिग्री और काबिले तारिफ उपलब्धियां हासिल करने वाले करीब सौ विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।एक्सिस एयरोस्पेस एंड टेक्नोलॉजीज के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एस रविनारायणन को निट की ओर से डॉक्टेरेट ऑफ फिलोसिपी की डिग्री प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया। वहीं समारोह में बीटेक, एमटेक और विभिन्न कोर्सों के 1339 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई।
कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि निट को स्पेस तकनीकी के लिए इसरो ने साझेदार बनाया है। जो कोई छोटी बात नहीं है। आज इसरो नासा को पूरी तरह टक्कर देने का काम कर रहा है। वहीं उन्होंने हरियाणा की पावन भूमि पर जन्मी कल्पना चावला व स्कवाडन लीडर मिंटी अग्रवाल जैसी बेटियों की मिसाल देते हुए कहा कि बेटियों ने पूरी दुनिया में नाम रोशन किया है और प्रदेश के हर गांव में सैनिक और सेना अधिकारी को जन्म देने का काम किया है। युवाओं को संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि डिग्री के बाद नौकरी तलाशने की बजाय युवा नौकरियां देने के अवसर ढ़ूंढे। उनकी ये बात सीधे तौर पर स्टार्ट अप इंडिया की ओर इशारा कर रही थी। क्योंकि युवा इससे जुड़कर काम करने वाला निश्चित ही देश की प्रगति में अपना योगदान देगा। उनको सरकारी के साथ निजी एजेंसियों को भी तकनीक हंस्तारित करने की छूट दी है।
वहीं उन्होंने सर्वांगिक विकास की बात करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ संस्कार और जीवन मूल्यों को हासिल करना जरूरी है। यही मूल्य जीवन को सुधार सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षित तो आंतकवादी भी होते है, लेकिन चरित्र और संस्कार के बिना वे लोगों की हत्याएं करना शुरू कर देते हैं। युवाओं को छोटे मन से नहीं बड़े मन के साथ काम करना चाहिए। छोटा मन रखने वाला विद्यार्थी बड़ा नहीं हो सकता और टूटे मन से काम करने वाला विद्यार्थी कभी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सकता।
कार्यक्रम में पहुंचे राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि व्यक्ति के लिए ज्ञान प्राप्त करना ही जरूरी नहीं है। भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की इसी धरती पर अर्जुन को गीता का संदेश दिया था। वे संदेश लेने के बाद भी कौरवों के साथ लडऩे को तैयार नहीं हुए तो भगवान श्रीकृष्ण ने उनको विराट रूप दिखाया था। इसमें पांडव सिहासन बैठे थे और कौरव धरती पर पड़े थे। अर्जुन ने कहा कि ऐसा है तो आप बिना लड़े ही यह ऐसा सब कर दो। तब भगवान श्रीकृष्ण ने कहा था कि कुछ पाने के लिए कर्म करना होगा। एक्सिस एयरोस्पेस एंड टेक्नोलॉजी के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एस रविनारायणन ने निट प्रशासन का डिग्री प्रदान करने पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि डिग्री हासिल करने के बाद विद्यार्थी के एक नए जीवन की शुरुआत हुई है।
TEAM VOICE OF PANIPAT