वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)
निर्भया गैंगरेप मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की अर्जी पर फैसला सुनाते हुए कहा कि चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं हो सकती. वहीं अब इस मामले में केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है.
दरअसल, आज दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि निर्भया के चारों दोषियों को अलग-अलग समय पर फांसी नहीं दी जा सकती. केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि जिन दोषियों की याचिका किसी भी फोरम में लंबित नहीं है, उन्हें फांसी पर लटकाया जाए. एक दोषी की याचिका लंबित होने से दुसरे दोषियो को राहत नही दी जा सकती…
निर्भया मामले पर रविवार को ही दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था लेकिन फैसला सुनाने की तारीख बुधवार को तय हुई थी केंद्र सरकार की दलील है कि कानूनों का दुरुपयोग कर निर्भया के दोषी हर बार सजा से बच जा रहे हैं. दोषी न्यायिक प्रणाली का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं.
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि नियम के मुताबिक फांसी केवल उसी समय टल सकती है जब दोषी की अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित हो. सुप्रीम कोर्ट ने निचले अदालत के फैसले से असहमति भी जताई…दिल्ली हाई कोर्ट ने जांच एजेंसी और संबंधित विभाग की कार्रवाई पर नाराजगी भी जाहिर की. कोर्ट ने कहा कि जब मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका को खारिज कर दिया था तो किसी भी संबंधित विभाग ने डेथ वारंट क्यों नहीं जारी किया. इसी का फायदा दोषियों ने भरपूर उठाया.
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि दोषियों ने लगातार फांसी की सजा को टालने की भरपूर कोशिश की. एक याचिका खारिज होने के बाद दूसरी याचिका दायर करते रहे. यहां तक सरकारें सोई रहीं और अक्षय ने पुनर्विचार याचिका काफी दिन बाद लगाई. 3 लोगों की पुनर्विचार याचिका खारिज हो चुकी थीं.
TEAM VOICE OF PANIPAT