वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- 12 साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाले आरोपियों को माननीय न्यायालय से फांसी की सजा दिलवाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले टीम के पुलिस अधिकारीयों व कर्मचारियों को पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। आरोपियो को जल्द से जल्द सजा दिलवाने के लिए पुलिस टीम मामले को फास्ट ट्रेक कोर्ट में लेकर गई। पुलिस टीम द्वारा 20 दिन में ही चालान तैयार कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया, 21 गवाहों की गवाही करवाने के साथ ही भौतिक साक्ष्य पेश किये। माननीय न्यायालय ने सभी कार्रवाही पूर्ण होने पर फैसला सुनाते हुए दोनो दोषियों को गत 18 फरवरी को फांसी की सजा सुनाई थी।
निम्न पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को किया सम्मानित :
उस समय थाना मतलोडा के प्रभारी इंस्पेक्टर संदीप वर्तमान मे डीएसपी, एफएसएल इंचार्ज डॉ नीलम आर्य, उरलाना चौकी इंचार्ज सब-इंस्पेक्टर रामेश्वर दत वर्तमान में रिटायर्ट इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर रकम सिंह, मुख्य सिपाही सतीश व सिपाही अमित। पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने उक्त पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करते हुए कहा की उक्त मामले में आरोपियों को माननीय न्यायालय से सजा दिलवाने में इनके द्वारा जो मुख्य भूमिका निभाई गई है वह सराहनीय है। टीम के प्रत्येक सदस्य द्वारा समय रहते सभी कार्रवाही पूर्ण कर माननीय न्यायालय में पेश की गई।
पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने जानकारी देते हुए बताया की उक्त केस भारत सरकार गृह मंत्रालय को मेडल की सिफारिश के लिए भेजा जाएगा। साथ ही एसओपी बनाई जाएगी ताकि इस प्रकार के केसो में सजा दिलवाने में सहायता मिल सके।
वारदात का विवरण :
मतलोडा थाना के उरलाना चौकी क्षेत्र के गांव उरलाना कला में 13 जनवरी 2018 की देर साय 12 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद आरोपियो ने हत्या कर बच्ची के शव को चौपाल के पास नग्न अवस्था में फैक दिया था। पुलिस टीम ने सूचना मिलते ही तुरंत मौके पर पहुंचकर बच्ची के शव को पोस्ट मार्टम के लिए सिविल अस्पाल के शव गृह में रखवाने के साथ ही बच्ची के मामा की शिकायत पर हत्या की धाराओ के तहत मुकदमा दर्ज कर विभिन्न पहलुओं पर छानबीन करते हुए आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी। वही बच्ची के मामा ने उरलाना चौकी पुलिस को शिकायत दी शिकायत में बताया की उसकी 12 वर्षीय भांजी बचपन से ही उसके पास रहती थी। 13 जनवरी की साय करीब 6 बजें भांजी कुड़ा डालने के लिए बाहर गई थी, जो भांजी उसी समय से लापता हो गई। रात भर परिजनों के साथ तलाश की गई परंतु कही नही मिली। 14 फरवरी की सुबह भांजी का शव नग्न अवस्था में गांव की चोपाल के पिछली तरफ पड़ा मिला। उसे नही पता यह वारदात किसने की है और ना ही उसको किसी पर कोई शक है। जिसने भी वारदात को अंजाम दिया है उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाही की जाए।
आरोपियों की पहचान करने व जल्द से जल्द पकड़ने के लिए पुलिस टीम ने एफएसएल टीम व डॉग स्कवार्ड टीम के साथ मौके का निरिक्षण किया गया। वही एफएसएल टीम द्वारा मौके से भौतिक साक्ष्य इक्कठा किये गए। पुलिस टीम द्वारा विभिन्न पहलुओ पर कार्रवाही करते हुए 14 जनवरी की देर साय ही वारदात का पर्दाफास करते हुए आरोपी प्रदीप पुत्र दयानंद व सागर उर्फ कालू पुत्र चंद्रभान को गिरफ्तार कर लिया गया था। पहले से दर्ज मुकदमें में आईपासी की धारा 201,34 व 6 पोक्सो एक्ट इजाद की गई थी
पुलिस पुछताछ में दोनो आरोपियो ने मिलकर वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा था। पुलिस पुछताछ में आरोपियों ने बताया था की वह दोनो दोस्त है। प्रदीप शादीशुदा है जो उसकी बच्चो सहित 10 दिन से मायके गई हुई थी। 13 जनवरी को देर साय वह दोस्त सागर के साथ अपने घर के बाहर खड़ा था। इसी दौरान बच्ची उनके सामने से कुड़ा डालने के लिए गई। बच्ची कुड़ा डालकर वापिस आ रही थी तो दोनो आरोपियो ने बच्ची का मुह दबाकर उठा लिया और मकान के अंदर ले गए। दोनो ने बच्ची के साथ दुषकर्म किया। बच्ची चीखने चिल्लाने लगी तो दोनो ने उसके गले में डली शॉल से गला घोटकर हत्या कर दी और इसके बाद शव के साथ भी दुष्कर्म किया और देर रात होने पर बच्ची के शव को चौपाल के पिछे फैक दिया था।
TEAM VOICE OF PANIPAT