वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- दिवाली के नजदीक आते ही पटाखों पर चर्चा शुरू हो गई है. सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के दिशा-निर्देशों के बाद अब सरकारों का जोर पटाखों की बिक्री रोकने या ग्रीन पटाखों पर है. आइए जानते हैं कि इस बार उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार ने दिवाली और अन्य उत्सवों व त्योहारों में पटाखे जलाने पर क्या दिशा-निर्देश दिए हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार ने खराब एयर क्वालिटी को देखते हुए एनसीआर के अपने शहरों समेत कुछ शहरों में किसी भी तरह के पटाखों की बिक्री या जलाने पर पाबंदी लगा दी है. वहीं उन शहरों में जहां की हवा मॉडरेट लेवल की है, वहां केवल दो घंटे तक केवल ग्रीन पटाखे जलाने की इजाजत दी गई है. इसी तरह क्रिसमस और नए साल के जश्न में रात 11 बजकर 55 मिनट से रात साढ़े 12 बजे तक ही ग्रीन पटाखे जलाने की इजाजत होगी। अन्य त्योहारों या आयोजनों में पटाखे जलाने के लिए जिलाधिकारी से इजाजत लेनी होगी. डीएम हवा की गुणवत्ता के आधार पर केवल कुछ समय तक पटाखे जलाने की इजाजत देंगे. सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने 2017 में वायु प्रदूषण को देखते हुए पटाखों को जलाने पर दिशा-निर्देश दिए हैं. इसमें पटाखों की ऑनलाइन बिक्री को अदालत की अवमानना की श्रेणी में रखा गया है।

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य के 27 शहरों की वायु गुणवत्ता की जांच की. इसके आधार पर ही सरकार ने यह निर्णय लिया है. इस संबंध में अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं. इस साल जनवरी से सितंबर तक लखनऊ, कानपुर, आगरा, सोनभद्र, गजरौला, गाजियाबाद, हापुड़, वाराणसी, नोएडा, फिरोजाबाद, झांसी, खुर्जा, प्रयागराज, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, रायबरेली, मथुरा, सहारनपुर, गोरखपुर, उन्नाव, ग्रेटर नोएडा, मुजफ्फरनगर, बागपत, बुलंदशहर, अलीगढ़ और अयोध्या में हवा की गुणवत्ता मॉडरेट मिली थी।

इन शहरों में केवल ग्रीन पटाखे ही जलाए जा सकेंगे।वहीं उत्तराखंड में पटाखों को जलाने या न जलाने को लेकर अभी किसी तरह के दिशा-निर्देश नहीं दिए गए हैं. हालांकि वहां का जिला प्रशासन पटाखों की बिक्री को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है. उत्तराखंड के शहरों में पटाखों की बिक्री के लिए जगह निर्धारित किए गए हैं. उनके अलावा कहीं और पटाखे नहीं बेचे जा सकते हैं।
TEAM VOICE OF PANIPAT