वायस ऑफ पानीपत(शालू मौर्य):- भारत के मून मिशन के अंतर्गत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा चंद्रयान 3 को इस शुक्रवार, 14 जुलाई 2023 को श्रीहरिकोटा से लांच किया जाएगा। चंद्रयान 3 को चंद्रमा के एक कदम और निकट जाने का संकेत माना जा रहा है जिससे न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व को काफी उम्मीदें हैं। ऑर्बिटर नहीं बल्कि स्वदेशी प्रोपल्शन मॉडयूल को चंद्रयान 3 में भेजा जा रहा है, जिसे वैज्ञानिकों की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।

इसरो साइंटिस्ट बनना न सिर्फ एक अच्छा करियर माना जाता है बल्कि यह सामाजिक प्रतिष्ठा भी दिलाता है और देश सेवा का मौका देता है। इसरो में साइंटिस्ट बनने के लिए सीधी भर्ती प्रक्रिया का आयोजन किया जाता है। इसरो के विभिन्न अंतरिक्ष केंद्रों और विभागों के लिए साइंटिस्ट की भर्ती इसरो सेंट्रलाइज्ड रिक्रूटमेंट बोर्ड (ICRB) द्वारा समय-समय पर की जा जाती है। बोर्ड द्वारा इन भर्तियों के लिए अधिसूचना इसरो की वेबसाइट के करियर सेक्शन, isro.gov.in/Careers में प्रकाशित की जाती हैं और उम्मीदवार यहीं पर दिए गए लिंक से आवेदन सबमिट कर सकते हैं।

इसरो साइंटिस्ट भर्ती के लिए उम्मीदवारों को चयन लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर किया जाता है। लिखित परीक्षा दो घंटे की होती है और इसके दो हिस्से होते हैं। पहले हिस्से में विषय/क्षेत्र से सम्बन्धित 80 मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चंस (MCQ) होते हैं, जबकि दूसरे हिस्से में एप्टीट्यूड/एबिलिटी टेस्ट से 15 MCQ होते हैं। पहले हिस्से में निगेटिव मार्किंग होती है, लेकिन दूसरे में नहीं। लिखित परीक्षा में अनारक्षित उम्मीदवारों के न्यूनतम 60 फीसदी और आरक्षित वर्गों के कम से कम 50 फीसदी अंक अर्जित करने होते हैं।
TEAM VOICE OF PANIPAT