वायस ऑफ पानीपत(देवेंद्र शर्मा)- तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर पर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। इस बीच मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत में राकेश टिकैत ने जो एलान किया है, उसके मुताबिक, आने वाले समय में भी टीकरी, सिंघु, शाहजहांपुर और गाजीपुर बार्डर पर इसी तरह रास्ता रोक कर किसान धरना-प्रदर्शन करते रहेंगे। किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच बने गतिरोध के चलते फिलहाल समस्या का निदान निकलता दिखाई नहीं दे रहा है। राकेश टिकैत के ताजा एलान से यह तय हो गया है कि आने वाले समय में भी एनसीआर में रहने वाले यूपी, हरियाणा और दिल्ली के लोगों की आवागमन की मुसीबत बरकरार रहेगी। दरअसल, किसान महापंचायत के दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि हमने शपथ ली है कि मरते दम तक हम धरनास्थल से हटेंगे नहीं। भले ही वहां पर हमारी कब्र ही क्यों न बना दी जाए। गौरतलब है कि किसान दिल्ली बॉर्डर पर करीब 9 महीने से धरना दे हैं। कुल मिलाकर किसानों का धरना प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा। इससे दिल्ली के अलावा, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के एनसीआर के शहरों के लाखों लोगों को रोजाना दिक्कतों को सामना करना पड़ेगा।
आपको बता दे कि किन रास्तों पर किसान बैठे हैं- टीकरी बार्डर, सिंघु, यूपी गेट, शाहजहांपुर और ये भी बता दें कि 9 महीने से दिल्ली-एनसीआर के कई रास्ते बंद है। गौरतलब है कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 27 नवंबर से किसानों का धरना प्रदर्शन चल रहा है। इसके चलते दिल्ली, यूपी और हरियाणा के लोग काफी परेशान हैं। टीकरी और सिंघु बार्डर पर किसानों ने कई रास्ते रोक दिए हैं, जिससे लोगों का आवागमन बाधित है। सैकड़ों लोगों के रोजगार छिन चुके हैं। पिछले 9 महीने से टीकरी, शाहजहांपुर, सिंघु और गाजीपुर पर किसानों के प्रदर्शन के चलते वाहन चालकों को कई किलोमीटर का सफर तय कर अपने गंतव्य तक जाना पड़ता है। जहां दिल्ली-एनसीआर में पेट्रोल का दाम 100 रुपये के पार चला गया है, ऐसे में लोगों को रास्ते घूमकर जाना खलने लगा है। कई वाहन चालकों को कहना है कि किसानों के प्रदर्शन के चलते उन्हें आवागमन पर 1000 रुपये हर महीने अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है।
दिल्ली और सोनीपत (हरियाणा) के बार्डर पर किसानों का प्रदर्शन सबसे ज्यादा तकलीफदेय बन गया है। स्थानीय ग्रामीणों का रोजगार तो प्रभावित हुआ है, सैकड़ों लोगों की नौकरी जा चुकी है। कई तो अपने कारोबार समेट तक चले गए हैं। स्थिति यह बन गई है कि सैकड़ों दुकानें बंद हैं और इनमें काम करने वाले बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं।
वहीं, हरियाणा के सोनीपत में कुंडली बार्डर को एक तरफ से खोलने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच के सदस्यों ने रविवार को टीडीआइ किंग्सबरी के पास नांगल रोड पर पंचायत की। इसमें करीब 15 गांव के लोग सहित टीडीआइ, ट्यूलिप, मैक्स हाइट्स, इंडस्टियल एरिया के लोगों ने हिस्सा लिया। पंचायत की अध्यक्षता करते हुए मंच के अध्यक्ष हेमंत नांदल ने कहा कि अब पूरा क्षेत्र एक तरफ का रास्ता खोलो अभियान से जुड़ रहा है।
नांदल पंचायत के तीन फैसले बताते हुए कहा कि अब इस अभियान को तेज गति देने के लिए हर गांव में समिति का गठन किया जाएगा और 15 दिन बाद एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोग कुंडली बार्डर को एक तरफ से खोलवाने के लिए संगठित होकर अब आवाज उठा रहे हैं। नौ महीने से हाईवे बंद होने के कारण क्षेत्र बर्बाद होने की कगार पर है। इससे क्षेत्रीय लोग भी परेशान हैं।
TEAM VOICE OF PANIPAT