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November 20, 2024
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PANIPAT:- बाल विवाह करना या करवाना दंडनीय अपराध है- SP अजीत सिंह शेखावत

वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- पानीपत, पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत आईपीएस ने जिला के सभी थाना प्रभारी, चौकी इंचार्जों को 22 अप्रैल 2023 को अक्षय तृतीया के अवसर पर आयोजित होने वाले विवाह समारोहों के दौरान बाल विवाह की रोकथाम के लिए विशेष दिशा निर्देश दिए है कि वे अपने क्षेत्र मे किसी बाल विवाह का आयोजन न होने दें और बाल विवाह रोकने का हर संभव प्रयास करें। अपने क्षेत्र मे बाल विवाह की शिकायत आने पर अपने स्तर पर दुल्हा व दुल्हन के आयु प्रमाण पत्रों की जांच कर लें।  बाल विवाह मे सम्मिलित व्यक्तियों के विरूद्व नियमानुसार कार्यवाही अमल मे लाई जाएं।

पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार लड़की की शादी 18 वर्ष व लड़के की शादी 21 वर्ष से पहले करना एक दण्डनीय अपराध है तथा बाल विवाह मे प्रतिभाग करने वाले व्यक्तियों पर भी कानूनी कार्यवाही का प्रावधान किया गया है। इसमे दो वर्ष के कठोर कारावार व एक लाख रूपये जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह के नाम पर लड़कियों का शारीरिक शोषण होता है और पोस्को के केस आते है।  ऐसे मे बच्चियों का शारीरिक शोषण रोकना हम सबका सामाजिक दायित्व है।  घरेलू हिसां का एक कारण बाल विवाह भी देखने मे आया है।

पुलिस अधीक्षक महोदय ने कहा कि किसी भी कार्यवाही से बचने के लिए वैवाहिक आयोजन करने वाले सामुदायिक केन्द्र, सार्वजनिक भवन, बैंक्वेंट हाल, मैरिज हाल, मैरिज पैलेस, टैन्ट हाउस, प्रिंटीग प्रैस, इत्यादि के व्यवसायी और फोटोग्राफर, पुरोहित, मौलवी इत्यादि यह सुनिश्चित कर ले कि वधु की आयु 18 वर्ष व वर की आयु 21 वर्ष से कम न हो और उनके आयु प्रमाण पत्रो की जांच कर लें व आयु प्रमाण पत्रो की एक प्रति अपने पास भी रख लें तथा अपने यहा बाल विवाह का आयोजन न होने दे। बाल विवाह के आयोजन के संबध मे सूचना तत्काल हैल्पलाईन न0 112, चाईल्ड हैल्पलाइन नम्बर 1098, महिला हैल्पलाइन नम्बर 181 और नजदीकी थाना व चौंकी मे दी जा सकती है।

संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी, पानीपत रजनी गुप्ता ने कहा कि 22 अप्रैल 2023 को अक्षय तृतीया है।  यह ऐसा दिन होता है जोकि यह शादियों का खुला साया माना जाता है, जिसमे ज्यादातर बाल विवाह होने की संभावना होती है।  बाल विवाह के कारण बच्चियों की पढ़ाई छूट जाती है। बाल विवाह एक सामाजिक कुरूति है।  जिसके शारीरिक व मानसिक दुष्प्रभाव होते है।  हरियाणा सरकार द्वारा अगस्त 2022 मे दिए गए आदेशानुसार यदि किसी भी नाबलिग लड़के व लड़की का बाल विवाह किया जाता है तो उसे निरस्त माना जाएगा। 

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