वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):- Mutual Found Scheme में निवेश करना काफी लोगों को पंसद है.. इसमें रिटेल निवेशकों के बीच एसआईपी काफी लोकप्रिय है.. बता दे कि सआईपी में निवेशक एक लंबे समय तक एक फिक्सड अमाउंट ईटीएफ (ETF) और म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर सकते है.. इसमें निवेशकों को कंपमाउंडिंग का लाभ मिलता है.. SIP की तरह एक एसटीपी (सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान, STP) भी निवेशकों के लिए ऑप्शन है.. इसमें निवेशक को एकमुश्त राशि का निवेश करना होता है.. निवेश के बाद निवेशक इसे रेगुलर इंटरवल पर इक्विटी स्कीम्स में ट्रांसफर कर सकता है.. इस दोनों स्कीम में आप एक म्यूचुअल फंड से दूसरे म्यूचुअल फंड में राशि ट्रांसफर कर सकते हैं..

SIP और STP कौन-सा है बेस्ट ऑप्शन
SIP और STP में कापी अंतर है.. इन दोनों में निवेश का मकसद कापी अलग होता है SIP में निवेश का मतलब होता है.. कि उस समय में निवेश राशि को बढ़ा करना, वहीं STP में अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फडं में निवेश करने से निवेशकों को अतिरिक्त लाभ मिलता है.. हालांकि, हम एसआईपी और एसटीपी के रिटर्न की तुलना नहीं कर सकते हैं.. इन दोनों में निवेशकों को रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का लाभ मिलता है। इसमें निवेशक को बाजार के उतार-चढ़ाव की चिंता करने की जरूरत नहीं होती है..
SIP उन निवेशकों के लिए काफी अच्छा ऑप्शन है जो एकमुश्त निवेश कर सकते हैं.. वहीं, एसटीपी में उन्हें निवेश करना चाहिए जो एक बार में निवेश करने से हिचकिचाते हैं.. इसका मतलब है कि इन दोनों में निवेश का फैसला निवेशक के गोल पर निर्भर करता है.. ऐसे में निवेशक को फाइनेंशियल प्लान के आधार पर ही कोई ऑप्शन सिलेक्ट करना चाहिए..
TEAM VOICE OF PANIAPT