वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा):- हरियाणा से मोदी मंत्रिमंडल में शामिल अम्बाला से सांसद रतन लाल कटारिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि पहले ही कयास लगाए जा रहे थे कि रत्तन लाल कटारिया की मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है। उनकी जगह सिरसा से सांसद सुनीता दुग्गल को मंत्री बनाया जा सकता है।
बता दें कि रतनलाल कटारिया दलित समुदाय से संबंध रखते हैं। अभी उनके पास भारत सरकार में केंन्द्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री का पद था। रतन लाल कटारिया अंबाला की आरक्षित सीट से बीजेपी सांसद हैं। कटारिया प्रदेश में बीजेपी के अनुसूचित जाति के बड़े नेता हैं। वो हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनके लंबे राजनीतिक अनुभव को देखते हुए उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिली थी, लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं प्रदेश का सियासी माहौल भी पुरी तरह से बदल गया है। वहीं कटारिया मौजूदा समय में सरकार व पार्टी के लिए कुछ खास कर भी नहीं पा रहे थे। इसलिए उनका हटना तय माना जा रहा था। वहीं फिलहाल इस रेस में सिरसा से सांसद सुनीता दुग्गल का नाम आगे चल रहा है। जिसका कारण है एक तो सुनीता दुग्गल भी दलित समुदाय से आती हैं। दूसरा वो हरियाणा में इकलौती महिला सांसद हैं। मोदी कैबिनेट में महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया सकता है। उनके मंत्री बनाए जाने से एक तीर से दो निशाने लगाने का प्रयास बीजेपी कर रही है। इससे जहां महिला का कोटा पूरा होगा वहीं दलित भी निराश नहीं हो पायेगा। यही वजह है कि रतन लाल कटारिया की जगह सुनीता दुग्गल को चुना गया है। क्योंकि बीजेपी हरियाणा में दलित वोट बैंक को खोना नहीं चाहेगी।
बता दें कि साल 2014 में सुनीता दुग्गल आईआरएस के पद से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई थी। साल 2014 में ही सुनीता दुग्गल ने सिरसा की रतिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन वो चुनाव में हार गई थी। इसके बाद बीजेपी ने फिर से सुनीता दुग्गल पर भरोसा रखते हुए सिरसा लोकसभा की टिकट दिया। सिरसा की सीट भी आरक्षित है जहां से सुनीता दुग्गल सांसद चुनी गई हैं। उनके पति हरियाणा में ही आपीएस के पद पर कार्यरत हैं।
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