वायस ऑफ पानीपत(देवेंद्र शर्मा)- हर दिन दुष्कर्म के मामले बढते जा रहे हैं वहीं जो एक नाबालिग लड़की के साथ जो हुआ वह हैरान करने वाला है। दोस्त के कहने पर घर से भागी 14 साल की नाबालिग पुणे से मां-बाप को छोड़कर चंडीगढ़ पहुंच गई। लेकिन इस दौरान उसके साथ 13 लोगों ने दुष्कर्म किया। पीड़िता किसी तरह चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंची और उसके साथ एक लड़का भी था, जिसके साथ वह चंडीगढ़ पहुंची थी। मंगलवार को चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर जीआरपी की नजर उन पर पड़ी तो उन्हें देख जवानों को शक हुआ। जीआरपी ने तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन को इस बारे सूचित किया। इसके बाद 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन ने नाबालिग को रेस्क्यू किया।
जानकारी देते हुए 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. संगीता ने बताया कि जीआरपी ने नाबालिग लड़की को लड़के साथ चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर देखा था, जिसके बाद हेल्पलाइन की टीम उन्हें अपने साथ लेकर आई। इस दौरान नाबालिग शारीरिक तौर पर स्वस्थ नहीं लग रही थी, जिस पर टीम ने उसे पूछा तो उसने जो बातें बताईं उससे सबके होश उड़ गए। पीड़िता की हालत को देखते हुए उसका मेडिकल करवाया गया, जिसमें उसके साथ दुष्कर्म होने की पुष्टि हुई।
काउंसलिंग के दौरान नाबालिग ने टीम को बताया कि उसके साथ 13 लोगों ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया है। जिन्होंने बारी-बारी उसे हवस का शिकार बनाया था। डॉ. संगीता ने बताया कि वह दोस्त के साथ भागने के लिए रेलवे स्टेशन आई थी, लेकिन उस लड़के ने मौके पर इन्कार कर दिया। इसके बाद वह जिस किसी से भी मदद की गुहार लगाती थी वह उसकी मदद के बहाने उससे दुष्कर्म करते थे। दुष्कर्म होने के बाद वह डर के चलते घर वापस नहीं लौटी और किसी दूसरे लड़के साथ चंडीगढ़ पहुंच गई। मामले का खुलासा होने तक लड़की के घर और लोकल पुलिस स्टेशन में नाबालिग के बारे में जानकारी दी गई, जहां उसकी मिसिंग की रिपोर्ट दर्ज थी।
प्रोजेक्ट डारेक्टर चाइल्ड हेल्पइन की डारेक्टर संगीता ने बताया कि जब नाबालिग की काउंसलिंग कि तो मामले में एक के बाद एक खुलासा होता गया। इसके बाद उन्होंने पुणे पुलिस से मामले की जानकारी ली, तो पता चला कि वहां पर उक्त लड़की के गुमशुदा होने का मामला दर्ज किया गया है। इसके बाद सारी जानकारी पुणे पुलिस को दी गई। पुणे पुलिस की टीम बाई एयर चंडीगढ़ आई और नाबालिग को साथ लेकर गई
14 वर्षीय नाबालिग की कॉउंसलिंग करने के बाद डॉक्टर संगीता ने कहा कि लॉकडाउन के चलते बच्चों मे बहुत ज्यादा मानसिक बदलाव आया है, जिसमें उनकी कॉउंसलिंग बहुत जरूरी है। स्कूल स्तर से लेकर सामाजिक संस्थाओं को इसमें पहल करने की जरूरत है।
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