वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):- हरियाणा सरकारा ने रेवेन्यू विभाग के भ्रष्टाचारी कर्मचारियों को 3 कैटेगरी में बांट दिया है.. इसके बाद भ्रष्टाचारी अफसरों की संख्या भी 108 से बढ़कर 129 हो गई है… ये सभी अधिकारी नायब तहसीलदार, तहसीलदार और जिला रेवेन्यू अफसर (DRO) पद पर हैं.. सरकार की नजर सिर्फ रिश्वतखोरी नहीं बल्कि इनकम से अधिक प्रॉपर्टी बनाने को लेकर भी है… सरकार ने इनके खिलाफ सबूत इकट्ठा कर लिया है..

इसके बाद दस्तावेजी जांच के बाद चार्जशीट की तैयारी कर ली है.. इन्हें अब इन तीनों कैटेगरी में बांटकर उसी हिसाब से कार्रवाई होगी… इसकी फाइल CM नायब सैनी के पास पहुंच गई है… हालांकि पटवारियों और दलालों की लिस्ट लीक होने के बाद सरकार ने इन भ्रष्ट अधिकारियों की लिस्ट को पूरी तरह से सीक्रेट रखा है.. हालांकि, उनकी तैनाती के जिलों के अधिकारियों को नाम भेजकर पहले ही रिपोर्ट तलब कर ली गई थी…

सबसे भ्रष्ट: ये भ्रष्टाचार की पहली कैटेगरी है.. सरकार ने इसमें उन रेवेन्यू अफसरों को शामिल किया है, जिन्होंने गलत तरीके से 50 से ज्यादा रजिस्ट्री कीं.. इनके खिलाफ हरियाणा सिविल सर्विस रूल्स के रूल 7 के तहत कार्रवाई की जाएगी.. सरकार इन्हें जबरन रिटायर तक कर सकती है..
कम भ्रष्ट: इस दूसरी कैटेगरी में सरकार ने उन अफसरों को रखा है, जिन्होंने गलत तरीके से 50 से कम रजिस्ट्री कर अवैध तरीके से रुपया कमाया है। इनके खिलाफ सरकार हरियाणा सिविल सर्विस रूल्स के रूल 8 के तहत कार्रवाई करेगी… इस धारा के तहत सरकार अधिकारियों को नोटिस जारी कर अपनी बेगुनाही साबित करने का मौका देगी। इन पर जुर्माना लगाया जा सकता है..
वित्तीय गड़बड़ी: सरकार ने इस तीसरी कैटेगरी में उन अफसरों को रखा है, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सरकार के रेवेन्यू का नुकसान तो नहीं किया, लेकिन उन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। उन्होंने गलत तरीके से रुपया कमाया है। इसमें अगर कोई अफसर रिटायरमेंट के करीब होगा तो सरकार उसके कसूर के हिसाब से उसे राहत भी दे सकती है।
TEAM VOICE OF PANIPAT