वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह)- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक एलान किया है उन्होंने कहा कि नए स्टेडियमों के लिए प्रदेशभर में मैपिंग की जाएगी। क्षेत्रवार व खेल की पसंद के अनुरूप खेल प्रतिभाओं को तराशा जाएगा। कोविड-19 महामारी के कारण बंद हु्ईं खेल नर्सरियों को फिर से चालू करेंगे। मुख्यमंत्री मंगलवार को सरकारी आवास पर भाजपा के खेल, कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ के प्रतिनिधियों के साथ सीधे संवाद में बातचीत कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर जिले में किसी न किसी अस्पताल से तालमेल कर खेल चोट उपचार का छोटा वार्ड बनाएं, ताकि खिलाड़ियों का खेल के दौरान चोट लगने पर इलाज किया जा सके।
सीएम ने कहा कि भविष्य में खेल प्रशिक्षकों का तबादला उन्हीं स्टेडियमों में किया जाएगा, जहां उनका खेल संचालित है। इसी प्रकार कला के क्षेत्र में उभरते कलाकारों को अच्छा प्लेटफार्म देने के लिए राज्य, जिला व खंड स्तर पर ख्याति प्राप्त लोक कलाकारों को विधा के अनुरूप पुरस्कार दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 75 लाख 18 से 35 आयु वर्ग के युवाओं को जागृत करने के लिए काम करना होगा। खेल, कला एवं संस्कृति युवाओं की प्रतिभा निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि ‘समस्याएं आपकी-समाधान हमारा’ नीति पर काम किया जा रहा है। कोई भी सादे कागज पर समस्या लिखकर दे सकता है। उस पर तत्काल संज्ञान लिया जाएगा। 18 से 35 आयु वर्ग के युवाओं को नैतिक, गुणवत्तापूरक शिक्षा देने पर बल देना होगा। मुख्यमंत्री ने उपस्थिति प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे अगले माह से हर जिले में राहगीरी समिति का गठन करें। किसी न किसी थीम पर रन फॉर कार्यक्रम का आयोजन कर युवाओं को राहगीरी से जोड़ना होगा। भिवानी से आए कवि वीएम वैचन ने हरियाणावी में अनुवादित पुस्तक ‘जै’ मुख्यमंत्री को भेंट की
मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणवी संस्कृति हमारी पहचान है। उन्होंने अपने आवास पर भाजपा संस्कृति प्रकोष्ठ की बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं से सरकार की योजनाओं में योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र को महापर्यटक स्थल के रूप में विकसित कर रहे हैं। ज्योतिसर में डिजिटल संग्रहालय स्थापित करने की योजना बनाई गई है। यह संग्रहालय महाकाव्य महाभारत को समर्पित होगा। इस संग्रहालय में महाभारत की भव्य कहानी के दिव्य झांकी के माध्यम से दर्शन होंगे।
TEAM VOICE OF PANIPAT