वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह)- जाते-जाते हुए मानसून ने एक बार फिर से निगम की करोड़ों रुपये की सफाई व्यवस्था की पोल खोलने का काम किया है। मंगलवार दोपहर को करीब 40 मिनट की बारिश ने शहर को पूरा भर दिया। निगम के खिलाफ अपनी भड़ास निकालने के लिए लोग नाव लेकर सड़कों पर उतरे। नगर निगम को नींद से जगाने के लिए कभी मेन बाजारों, तो कभी संजय चौक पर भरे बरसाती पानी में नाव चलाई गई। शहर का जीटी रोड तक बरसाती पानी से डूब गया। अनाज मंडी गेट से लेकर गोहाना रोड, संजय चौक से लेकर एसडी कॉलेज तक रोड के दोनों तरफ दो दो फीट पानी भर गया। जिससे सैकड़ों वाहन पानी में फंस गए। जीटी रोड पर वाहनों की लंबी कतारें लगने से दोनों तरफ जाम लग गया।
इसके अलावा शहर की बाहरी कॉलोनियों का भी हाल बेहाल रहा। निगम की लचर सफाई व्यवस्था और निकासी पर शहरवासियों ने सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास निकाली। बाहरी क्षेत्र की 30 से भी ज्यादा कॉलोनियां जलमग्न हो गईं। इसके बावजूद इसका निगम पर कोई असर नहीं पड़ा। कागजों में ही बनाए गए निकासी और सफाई की योजना बरसाती पानी ने धोकर रख दी। जीटी रोड से सटे शहर के सभी मुख्य बाजारों में भी बरसाती पानी पूरी तरह से भर गया। पालिका बाजार, इंसार बाजार, पचरंगा बाजार, कंबल बाजार में दो दो फीट तक पानी भरा रहा। लोगों को बरसाती पानी के बीच से ही गुजरने का मजबूर होना पड़ा। दुकानदार भी बरसाती पानी को दुकान में घुसने देने से बचाने की कोशिश करते नजर आए।
अनाज मंडी में जीरी की आवक आना शुरू हो चुकी है। मूसलाधार बारिश ने किसानों के पीले सोनी को बुरी तरह से धोने का काम किया है। जीरी की फसल बरसाती पानी में बहती नजर आई। किसानों ने मुश्किल से तिरपाल के सहारे फसल को बहने से रोकने का काम किया। खास बात यह है कि करोड़ों की लागत से बनी अनाज मंडी में आज तक भी बरसाती पानी की निकासी की व्यवस्था है। मंगलवार को हुई मूसलाधार बारिश की वजह से जीटी रोड, गोहाना रोड, असंध रोड, संजय चौक, सनौली रोड, जाटल रोड, बरसत रोड, अनाज मंडी, सब्जी मंडी, असंध रोड अंडरपास, गोहाना रोड अंडरपास, कृष्णपुरा, शिवनगर, आजाद नगर, बबैल रोड, कुटानी रोड, बाईपास, सेक्टर 25 व सेक्टर 29 के दोनों पार्ट, आदर्श नगर, वीवर्स कॉलोनी, कच्चा कैंप, तहसील कैंप समेत शहर की तकरीबन सभी बाहरी कॉलोनियों में जलभराव हुआ।
नगर निगम के अधीन 157 किलोमीटर लंबे नाले व नालियों की सफाई का काम आता है। इसके लिए निगम ने करीब 50 लाख रुपये महीने की लागत से 150 कर्मचारियों को नाला गैंग के तौर पर भर्ती किया है। इनके अलावा भी निगम अपने कर्मचारियों से सफाई व निकासी का काम भी करवा चुका है। जिस पर निगम ने करीब 70 प्रतिशत काम होने का दावा तक किया था, लेकिन निगम के ये दावे अब फेल नजर आए। नगर निगम की निकासी और सफाई को लेकर पहले से शिकायतें मिलती आ रही हैं। यह शहर की एक गंभीर समस्या बन चुकी है। इसके लिए निगम अधिकारियों से मिलकर एक मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। ताकि शहरवासियों को इन समस्याओं से निजात मिल सके।
TEAM VOICE OF PANIPAT