वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा):- कोरोना के बाद ब्लैक फंगस का पानीपत पर खतरा मंडरा रहा है। जिले में शुक्रवार को ब्लैक फंगस के 5 केस संदिग्ध मिले हैं। पांचो में ब्लैक फंगस के लक्षण मिले हैं। वहीं, इनमें से चार लोग कोरोना संक्रमित भी हो चुके हैं। डॉक्टरों की कमेटी ने इनकी जांच करने के बाद खानपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया है। इन पांचों लोगो को शुगर भी है। जांच के बाद इन्हें खानपुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। वहां पूरी स्थिति साफ होगी। अब खानपुर में इन मरीजो की एंडोस्कॉपी, बायस्पी और एमआरआई होगी। बायस्पी में दिमाग की स्थिति जांची जाएगी। निजी अस्पतालों में अब तक ब्लैक फंगस के 20 से अधिक केस मिल चुके हैं। ईएनटी विशेषज्ञ ओपीडी में हर रोज 20-25 लोगों की जांच की जा रही है।
सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र कादियान व पीएमओ डॉ. संजीव ग्रोवर ने आई व ईएनटी स्पेशलिस्ट की एक कमेटी बनाई है। जो हर रोज सुबह 8 से 11 बजे तक ब्लैक फंगस के मरीजों को चिह्नित कर उनका इलाज करेगी। इन तीन घंटे के बाद ये कमेटी 24 घंटे ऑनकॉल ड्यूटी पर रहेगी। इसके लिए आई स्पेशलिस्ट डॉ. शालिनी मेहता और ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. शिवांजलि की ड्यूटी लगाई है।
वही डीसी धर्मेंद्र सिंह ने सभी जिला वासियों से अपील की है कि ब्लैक फंगस को लेकर सभी जिलावासी सावधानी बरतें। कई जिलों में ब्लैक फंगस के काफी मामले सामने आ रहे हैं। इसीलिए किसी चिकित्सक के परामर्श के बगैर कोई भी दवा न लें। स्वयं कोई भी स्टेरॉयड दवाई न लें। जो मरीज घरों में आक्सीजन ले रहे हैं। वे सही तरीके से ऑक्सीजन का उपयोग करें और उसमें साफ पानी का ही प्रयोग करें। कोरोना के कारण ब्लैक फंगस का फैलाव ज्यादा देखने को मिल रहा है। यह ऑख, नाक व कान पर बहुत जल्दी अटैक करता है। खासकर इससे शुगर के मरीज जल्दी प्रभावित होते हैं।
शुरूआती दौर में ही इससे प्रभावी मरीज को डाक्टर को दिखाना चाहिए। प्रदेश में ब्लैक फंगस को अधिसूचित रोग घोषित किया गया है। कई पर भी ब्लैक फंगस के मामले मिलने पर इसकी सूचना स्थानीय सीएमओ को दें ताकि इसकी रोकथाम के लिए उचित कदम उठाएं जा सकें। पानीपत के इसराना ब्लॉक में बने एनसी मेडिकल कॉलेज और खानपुर मेडिकल कॉलेज को सरकार ने अधिकृत किया है, ब्लैक फंगस केस इन्हीं दो मेडिकल कॉलेजों में भेजे जाएंगे।
TEAM VOICE OF PANIPAT