वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा):- कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण एंबुलेंस की कमी होने लगी है। जिस कारण अन्य मरीजों को एंबुलेंस सेवा नहीं मिल पा रही है। ऐसे में रोडवेज ने एंबुलेंस तैयार करने का निर्णय लिया है। इसके तहत डिपो में खड़ी पिंक मिनी बसों को एंबुलेंस की तर्ज पर तैयार किया जाएगा। इसके लिए एक पिंक बस में चार बेड लगाए जाएंगे। यही नहीं इसमें तीमारदारों के बैठने के लिए भी सीटों का इंतजाम होगा। यह एंबुलेंस हाईटेक होगी, जिसमें ऑक्सीजन सिलिंडर सहित अन्य आपातकालीन उपकरण लगे होंगे। रोडवेज यह पिंक बसें तैयार करके स्वास्थ्य विभाग को सौंपेगा। रोडवेज वर्कशॉप कर्मचारी युद्ध स्तर पर इन्हें तैयार करने में लगे हुए हैं। यमुनानगर में डिपो की ओर से पांच पिंक बसों को एंबुलेंस बनाया जा रहा है।
तीन दिन में पांचों एंबुलेंस पूरी तरह तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। यह एंबुलेंस पिंक बस स्वास्थ्य विभाग के पास आने से भारी राहत मिलेगी। विभाग के पास एक बार में 20 एंबुलेंस बढ़ जाएंगी। पिंक बसों को एंबुलेंस बनाने के लिए सभी सीटें निकाली जा रही हैं। इन सीटों की जगह प्रत्येक बस में चार स्ट्रेचर लगाए जाएंगे। पांच बसों में 20 मरीजो को लाने ले जाने की व्यवस्था की जा रही है।
आपातकाल में तैयार की जा रही यह एंबुलेंस बसें हाईटेक होगी, जिसमें एंबुलेंस में होने वाली सभी सुविधाएं होंगी। एक पिंक बस में चार बेड के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर व मास्क होंगे। वहीं अन्य जीवन रक्षक उपकरण हर बेड पर लगे होंगे। इसकी बनावट इस हिसाब से तैयार की जा रही है कि चार मरीजों के साथ बैठने वाले तीमारदारों को भी परेशानी नहीं होगी। सभी के बीच बराबर की दूरी हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इनके तैयार होने से विभाग के साथ लोगों को भारी फायदा होगा, जिससे एंबुलेंस की कमी काफी हद तक कम हो जाएगी।
मुख्यालय के आदेशों के बाद युद्धस्तर पर एंबुलेंस बस तैयार करने का काम किया जा रहा है। डिपो कर्मचारी इन्हें तीन दिन में तैयार कर लेंगे, जिसके बाद यह एंबुलेंस बसें स्वास्थ्य विभाग को सौंपी दी जाएंगी। डिपो के पास कुल पांच गुलाबी बसें हैं। सभी को एंबुलेंस में परिवर्तित किया जा रहा है।
TEAM VOICE OF PANIPAT