वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)
फरीदपुर गांव में रेत खनन करते समय मिली प्राचीन मूर्तियां धार्मिक महत्व रखती हैं और हजारों साल पुरानी हैं। जमीन के नीचे करीब तीस फिट गहराई से निकली पौराणिक मूर्तियां व शिवलिंग भोज काल में निर्मित है। जबकि खुदाई के दौरान निकली ईंटे कुषाण काल से संबंधित हैं।
यह खुलासा खान से निकली कला कृतियों की छानबीन के लिए गांव में पहुंचीं पुरातत्व विभाग की टीम ने किया है। पुरातत्व विभाग के अनुसार शिवलिंग व मूर्तिया 8वी या 9वी सदी में बनी हैं और लगभग एक हजार वर्ष पुरानी है। रेत की खान से बरामद हुई ईंटे मूर्तियों से अधिक पुरानी बताई जा रही है। पुरातत्व अधिकारियों के मुताबिक इस तरह की ईंटो का निर्माण पहली सदी में किया जाता था और ये लगभग दो हजार साल पहले की है।
धरोहरों की अहमियत को देखते हुए पुरातत्व मंत्रालय व विभाग के उच्च अधिकारी लगातार प्रशासन के संपर्क में है। इस मामले में ग्रामीणों ने आज पंचायत बुलाई है। यमुना इलाके के गांव फरीदपुर के पास रेत की खान से निकले शिवलिंग व मूर्तियों की जांच के लिए प्रशासन व पुरातत्व विभाग की टीम गांव में पहुचीं। पुरातत्व विभाग हरियाणा के अधिकारी शुभम मलिक व बीडीपीओ प्रेम सिंह जांच दल के साथ रेत की खान में गए। अधिकारियों ने उस प्वाइंट का मुआयना किया ,जहां पर खुदाई के वक्त शिवलिंग व स्तंभ मिले थे। पुरातत्व विभाग के दल ने खुदाई के बाद बाहर आई ईंटों का निरिक्षण किया। सोर्स भास्कर
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