वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा):- शहर में 1000 से अधिक इंडस्ट्री है, जो बिना फायर की एनओसी के चल रही है। उद्यमियों का मानना है कि नियम ऐसे सख्त हैं कि नियम पूरा करते-करते इंडस्ट्री ही बंद हो जाएगी। जिस कारण से बिना एनओसी के ही इंडस्ट्रीज चल रही है। बुधवार को उद्यमियों ने डीसी सुशील सारवान से मिलकर फायर की एनओसी संबंधी नियमों में ढील देने की मांग की।
पानीपत इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रधान प्रीतम सिंह सचदेवा के साथ उद्यमी पुरुषोत्तम शर्मा, विवेक बंसल, धनराज बंसल, अनिल बंसल आदि डीसी से मिलने पहुंचे थे। सचदेवा ने डीसी को पानीपत की इंडस्ट्री के बारे में बताया, साथ ही यहां की परेशानियां भी बताई। उन्होंने कहा कि एनओसी नहीं मिल रही है, जिस कारण से यहां के उद्यमी ऑर्गेनिक कॉटन बनाने का सर्टिफिकेट हासिल नहीं कर पा रहे हैं। प्रीतम सचदेवा ने कहा कि अभी सर्टिफिकेट यानी टैग न होने के कारण यहां के उद्यमियों के ऑर्गेनिक कॉटन की कोई वैल्यू नहीं है। अगर मान्यता मिल जाए तो यहां भी कॉटन बन सकता है। इसके लिए ऑर्गेनिक वेस्ट और कॉटन दोनों ही हरियाणा में उपलब्ध है। डीसी सुशील सारवान ने उद्यमियों से कहा कि वे लिखकर नियमों के बारे में बताएं। जो भी तर्क संगत नियम में बदलाव हो सकेंगे, वह किया जाएगा। सचदेवा ने कहा कि पानीपत इंडस्ट्रियल एसोसिएशन की ओर से वे लोग अब नियमों की कमियों के बारे में लिखकर देंगे।
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