वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- आईपीएस शत्रुजीत कपूर मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पसंद हैं और दूसरा भ्रष्टाचार के खिलाफ वो हरियाणा में बड़ा चेहरा हैं.. सख्त अधिकारी की छवि के चलते वह अपनी काबिलियत बिजली निगमों के चेयरमैन रहते हुए दिखा चुके हैं.. गृह मंत्री अनिल विज के साथ भी कपूर ने बेहतर तालमेल बनाया हुआ है.. 1989 बैच के आरसी मिश्रा और 1990 बैच के शत्रुजीत कपूर के नामों को लेकर CMO में मंगलवार को लगभग 3 घंटे मंथन चला.. इस मंथन में पैनल में सबसे जूनियर IPS ऑफिसर शत्रुजीत कपूर के DGP के बनने के पूरे आसार बन गए थे.. जिसके बाद कपूर वहां पहुंच गए। शत्रुजीत कपूर हरियाणा के नए डीजीपी बन गए हैं.. वे पीके अग्रवाल की जगह लेंगे जो 15 अगस्त को रिटायर हो गए हैं.. डीजीपी के चयन को लेकर केंद्रीय लोक सेवा आयोग की बैठक 10 अगस्त को दिल्ली में हुई थी..

इसमें हरियाणा की ओर से मुख्य सचिव संजीव कौशल और निवर्तमान डीजीपी पीके अग्रवाल शामिल हुए थे.. उसी रात को यूपीएससी द्वारा 9 आईपीएस अधिकारियों में से तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का चयन तक तीन का पैनल तैयार किया था.. शुक्रवार को गृह विभाग के सचिव मनीराम शर्मा खुद यूपीएससी से बाईहैंड पैनल लेकर चंडीगढ़ पहुंचे। प्रक्रिया के तहत सूबे के गृह विभाग से नए डीजीपी का पैनल भेजा गया..

डीजीपी के चयन को लेकर हरियाणा के पुरानी परंपरा को देखें तो अक्सर पैनल में सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की ही डीजीपी बनने का मौका मिलता रहा है.. लेकिन इस बार यह परपंरा टूटती नजर आ रही है। तीनों आईपीएस अधिकारियों में वरिष्ठता में शत्रुजीत कपूर तीसरे नंबर हैं, लेकिन डीजीपी के लिए उनका नाम सबसे आगे है.. इसके कई कारण हैं। एक तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पसंद हैं और दूसरा भ्रष्टाचार के खिलाफ वो हरियाणा में बड़ा चेहरा हैं.. इसके अलावा, सख्त अधिकारी की छवि के चलते वह अपनी काबिलियत बिजली निगमों के चेयरमैन रहते हुए दिखा चुके हैं। वहीं, गृह मंत्री अनिल विज के साथ भी कपूर ने बेहतर तालमेल बनाया हुआ है..
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