वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- थाना पुराना औद्योगिक पुलिस ने SP लोकेंद्र सिंह आईपीएस के मार्गदर्शन में कार्रवाई करते हुए लोगों से पैसे डबल करने का झांसा देकर 10 लाख रूपये की ठगी करने वाले गिरोह के एक आरोपी को कोर्ट परिसर से गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान जसबीर निवासी शिमला मौलाना के रूप में हुई।
थाना पुराना औद्योगिक प्रभारी इंस्पेक्टर देवेंद्र ने बताया कि पूछताछ में आरोपी ने मामले में नामजद अपने अन्य साथी आरोपियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी से पैसे ठगी करने की उक्त वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा। पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया गिरोह के सरगना साथी आरोपी दिल्ली निवासी कमलकांत नारंग ने स्मार्ट विजय नाम से फर्जी कंपनी खोली थी। वे पैसे ठगने के लिए लोगों को बताते थे उनकी कंपनी आयुर्वेद दवाईयों को काम करती है। तीन से छह महीने में पैसे डबल करके वापिस देने का झांसा देकर लोगों से कंपनी में पैसे निवेश करवाते थे। बाद में ऑफिस बंद कर देते थे।
आरोपी कमलकांत ने कंपनी में उसको मैनेजर, साथी आरोपी सेक्टर 6 निवासी राजेश वर्मा को चीफ मैनेजर व साथी आरोपी लाखु बुआना निवासी आजाद को सीएमडी तैनात किया था। कपंनी में निवेश के लिए कम से कम 2 हजार रूपये की राशि निर्धारित की हुई थी। दो व्यक्तियों को निवेश करवाने पर उनको 700 रूपये कमीशन मिलता था। निवेश के सारे पैसे कमलकांत के खाते में जाते थे।
गहनता से पूछताछ करने के लिए पुलिस टीम ने शनिवार को आरोपी को माननीय न्यायालय में पेश किया जहा से उसे 2 दिन के पुलिस रिमांड पर हासिल किया।
प्रभारी इंस्पेक्टर देवेंद्र ने बताया कि फरवरी 2024 में प्रदेश के माननीय गृहमंत्री को ओप्रकाश निवासी डाबर कॉलोनी, रमेश निवासी छोटूराम चौक, रामबाबू निवासी हरिनगर पानीपत ने शिकायत देकर बताया था कि उनको फरवरी 2024 में आजाद निवासी लाखु बुआना व जसबीर मलिक निवासी शिमला मौलाना ने जाटल रोड पर नहर के पास स्थित इंपीरियल टावर के फ्लैट में स्थित स्मार्ट विजय कंपनी के ऑफिस में दिल्ली निवासी कमलकांत नारंग व पानीपत सेक्टर 6 निवासी राजेश वर्मा से मिलवाया। कमलकांत ने खुद को कंपनी का मालिक, राजेश वर्मा ने खुद को चीफ मैनेजर, आजाद ने खुद को सीएमडी व जगबीर ने खुद को कंपनी का मैनेजर बताते हुए कहा कि वह लोगों से अपनी कंपनी में पैसे निवेश करवाकर तीन से छह माह में पैसे दो से तीन गुणा करके वापिस देती है। उन्हें इस पर विश्वास नही हुआ।
इसके दो दिन बाद आरोपी आजाद उनसे मिला और कहने लगा आपके साथ किसी प्रकार का फ्राड नही होगा। उन सभी ने आरोपी की बातों पर विश्वास कर लिया। आरोपी कंपनी के ऑफिस ले गया और उनके फार्म भर कर 50-50 हजार रूपये गूगल पे व खाता से ऑनलाइन ट्रांसफर करवा कर ले लिए। उसने 1 लाख 72 व रमेश व रामबाबू से 7 लाख रूपए ले लिए। करीब 3 महीने बाद उनको पता चला की आरोपी पानीपत में अपना ऑफिस बंद कर भाग गए है। कुछ दिन बाद पता चला आरोपियों ने दिल्ली के पीतमपुरा में ऑफिस खोला है। वहा गए तो पता चला आरोपी कमलकांत ऑफिस बदलकर नोएडा चला गया है।
उन्होंने फोन कर आरोपियों से अपने पैसे वापिस मांगे तो फोन पर ही आरोपी जांन से मारने की धमकी देने लगे। आरोपियों ने मिलीभगत कर उनसे 10 लाख रूपए की ठगी कर ली। मामले की जांच उपरांत थाना पुराना औद्योगिक में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 406,420,34, 120बी के तहत अभियोग दर्ज कर पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ के प्रयास शुरू कर दिए थे।
TEAM VOICE OF PANIPAT