वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने अत्याधुनिक तरीके से मीटरों की रीडिंग लेना शुरू कर दिया है। सीएमआरआई नामक मिनी कंप्यूटर व प्रिंटर मशीन के जरिए रीडिंग लेने के लिए मीटरों के बॉक्स की सील को तोड़ा जा रहा है, जबकि यह सील निगम ने बिजली चोरी रोकने के लिए ही लगाई थी। मीटर बॉक्स की सील तोड़ने के बाद चोरों के लिए बिजली चोरी करना काफी आसान होना माना जा रहा है, क्योंकि सील तोड़ने पर मीटर रीडिंग लेने के बाद पुन: सील नहीं लगाई जा रही, जिसका खामियाजा निगम को उठाना पड़ सकता है।
अब बिल बनाने के अपनाए जा चुके हैं कई तरीके
जानकारी के लिए बता दें कि, बिजली निगम द्वारा अब तक बिल बनाने के अनेकों तौर-तरीके अपनाए जा चुके हैं। अब नए तरीके के अनुसार निगम के कर्मचारियों द्वारा स्पॉट बिलिंग थमाए जा रहे हैं। इस स्पॉट बिलिंग में मीटर रीडरों द्वारा सीएमआरआई नामक एक मशीन का प्रयोग किया जा रहा है। यह मशीन हैंडहैल्ड कंप्यूटर यूज्ड मशीन है और मशीन के जरिए मीटर का डाटा मशीन में डाउनलोड हो जाता है। उसके आधार पर मशीन ही उपभोक्ता का बिल तैयार करती है, जिसका प्रिंट लेकर उपभोक्ता को मौके पर ही दिया जाता है। उपभोक्ता उस बिल को अदा करके रसीद ले सकता है।
हरियाणा सरकार ने उपभोगताओं को सुविधा और थोड़ी राहत देने के लिए हरियाणा स्मार्ट मीटर स्कीम की शुरूआत की है। इस स्मार्ट मीटर अभियान के तहत प्रदेश में अब तक करीब 4 लाख नए मीटर लगाए जा चुके हैं। मुहिम के दूसरे चरण की शरूआत करने के लिए दस लाख नए मीटर खरीदने की तैयारी चल रही है।
बता दें कि, स्मार्ट मीटर लगने के बाद आपकी बिलिंग व्यवस्था में काफी बदलाव आएगा। इन मीटरों के आने के बाद बिजली की खपत और बिलों को लेकर होने वाली समस्याएं भी खत्म होने की संभावना है। बिजली विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि स्मार्ट मीटर हाई टैक्नॉलोजी से युक्त हैं। इन मीटरों को अभी तक प्रदेश के चार शहरों में लगाया जा रहा है, धीरे धीरे ये प्रक्रिया प्रदेश के सभी जिलों में लागू हो जाएगी। अब तक गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल, हिसार और पंचकूला में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं।
बिजली अधिकारियों के मुताबिक स्मार्ट मीटरों को प्रीपेड मीटरों में कन्वर्ट किया जा सकता है जिसमें मोबाइल की तरह पहले आपको रिचार्ज करना होगा। जब आपके खाते में राशि खत्म होने वाली होगी तो आपको अलर्ट मिलता रहेगा और आप अपना रिचार्ज दोबारा करवा सकते हैं। शुरुआती तौर पर प्रीपेड मीटरों पर सरकार की तऱफ से 5 फीसदी बिल कटौती का फैसला लिया गया है। इसमें उपभोक्ताओं को लाभ मिलने की संभावना है। निगम के अलावा सरकार का भी मानना है कि स्मार्ट और प्रीपेड मीटर लगने के बाद बिजली चोरी से निजात मिलेगा और बिजली की लागत का भी पता चलता रहेगा।
इसमें बिजली चोरी करने की संभावना बिल्कुल खत्म हो जाती है। स्मार्ट मीटर के साथ छेड़छाड़ करते ही यह अपने आप बंद हो जाएगा। स्मार्ट मीटर के साथ छेड़छाड़ पर सीधा बिजली दफ्तर में अलार्म होगा। रिमोट से छेड़छाड़ पर मीटर अपने आप ही बंद हो जाएगा। स्मार्ट मीटर के उपभोक्ता को एक यूनिक कोड देकर डीएचबीवीएन स्मार्ट मीटर ऐप से जोड़ा जाएगा। हर उपभोक्ता को विशेष नंबर मिलेगा। हर दिन से लेकर हर माह की बिजली खपत सहित अन्य जानकारियां ऐप पर अपलोड होंगी। इसके इलावा स्मार्ट मीटर उपभोक्ता के पास पोस्टपेड, प्रीपेड व नेट मॉनिटरिंग की सुविधा भी होगी।
इस मीटर को मोबाइल की तरह प्रीपेड रिचार्ज भी करवाया जा सकेगा व मंथली बिलिंग का ऑप्शन भी उपभोक्ता को मिलेगा। उपभोक्ता की रोजाना, मासिक खपत यूनिट को बिजली निगम के कार्यालय में बैठे कर्मचारी निकाल सकेंगे। उसके लिए कर्मचारियों को मीटिर रिडिंग के लिए घर-घर जाने की जरूरत नहीं होगी। इससे पारदर्शिता आएगी। स्मार्ट मीटर में मेमोरी कार्ड उपलब्ध होगा।
TEAM VOICE OF PANIPAT