वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- करनाल के ऑ ऑफकरनाल बहुचर्चित मोहित सुसाइड मामले में जिला-प्रशासन ने धरने पर बैठे पीड़ित परिवार की मांग मान ली है। जिला प्रशासन ने कहा है कि दो दिन पहले बेकसूर मोहित को बुरी तरह पीटने वाले तीनों पुलिसवालों पर FIR दर्ज होगी। मोहित के भाई को हरियाणा सरकार में DC रेट पर नौकरी मिलेगी।
जिला प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया कि पीड़ित परिवार को एक लाख रुपये नकद और 15 दिन में 25 लाख रुपये मुआवजे का केस बनाकर हरियाणा सरकार को भेजा जाएगा। उधर करनाल के डीसी निशांत कुमार यादव से मुलाकात के बाद मोहित के परिवार और कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पोस्टमार्टम हाउस के बाहर धरना दे रहे लोगों ने अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया। मंगल कॉलोनी निवासी जगदीश ने बताया कि उनके 18 साल के बेटे मोहित ने दम तोड़ने से पहले उन्हें बताया कि 27 अक्टूबर की दोपहर रेलवे रोड के तलवार चौक पर 3 पुलिसवालों ने उसे रोका। इन पुलिसवालों ने उसे बाइक चोर कहकर पीटा और फिर उसका 13 हजार 500 रुपए का चालान काट दिया। जगदीश के अनुसार, बेकसूर होने के बावजूद पुलिसवालों की पिटाई से उनका बेटा मोहित डिप्रेशन में चला गया और इसी डिप्रेशन में उसने जहर खा लिया।
जवान बेटे की मौत से आहत मोहित के परिवार ने शुक्रवार सुबह उसकी बॉडी का पोस्टमार्टम तो करवा लिया मगर संस्कार नहीं किया। मोहित के परिवार और मंगल कॉलोनी के लोग मोहित की बॉडी पोस्टमार्टम हाउस के बाहर रखकर धरने पर बैठ गए। मोहित के परिवार की मांग थी कि तीनों पुलिसवालों की पहचान कर उन पर हत्या का केस दर्ज किया जाए। परिवार ने चेतावनी दी थी कि अगर पुलिस ने उनकी मांग नहीं मानी तो वह जिला सचिवालय के सामने धरने पर बैठ जाएंगे। मोहित के बड़े भाई रोहित के अनुसार, 27 अक्टूबर को इस घटना के बाद घर पहुंचते ही मोहित अपने कमरे में चला गया। कुछ देर बाद उसे उल्टियां होने लगी। जब पूछा तो पुलिसवालों की मारपीट के बारे में बताते हुए कहा कि उसने इसी से परेशान होकर जहर खा लिया है। रोहित के अनुसार, उसने तुरंत घटना की सूचना अपने माता-पिता को दी और मोहित को अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने उसकी हालत को गंभीर बताया और फिर देर रात मोहित को मृत घोषित कर दिया।
मोहित के पिता जगदीश के अनुसार, तीनों पुलिसवालों ने मोहित को पीटने के बाद उसका 13 हजार 500 रुपए का चालान भी काट दिया। इसमें आरसी न होने के 5 हजार, थर्ड पार्टी इंश्योरेंस न होने के 2 हजार, गलत साइड के 500 रुपए, हेलमेट न होने के 1 हजार रुपए और ड्राइविंग लाइसेंस न होने के 5 हजार रुपए लगाए गए। करनाल के डीएसपी अभिलक्ष जोशी ने दावा किया कि पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जांच कर रही है। परिवार बाईनेम केस दर्ज करवाने पर अड़ा है जबकि पुलिस अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर जांच करेगी। इन्वेस्टिगेशन में जो आरोपी मिलेगा, उसके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
TEAM VOICE OF PANIPAT