वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्र के विकास के लिए राजभाषा हिंदी का विकास भी नितांत आवश्यक है। इसलिए सभी सरकारी कार्यालयों में शत-प्रतिशत कार्य हिंदी में होना चाहिए। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार देश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाओं में शुरू करने जा रही है। आगामी 2025 तक हरियाणा के अधिकतर विश्वविद्यालयों में विभिन्न विषयों की पढ़ाई हिंदी भाषा में शुरू कर दी जाएगी। यह बातें राज्यपाल ने राजभवन में मिलने आए संसदीय राजभाषा की पहली उप समिति के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत में कही।
अभी तक मेडिकल और इंजीनियरिंग के सिलेबस का 11 भाषाओं में अनुवाद कराया गया है। इस प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा, सांसद धर्मेंद्र कश्यप और सांसद श्याम सिंह यादव शामिल थे। समिति के सदस्य रामचंद्र जांगड़ा ने बताया कि देश में हिंदी भाषा का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय के तहत समिति का गठन किया गया है। जांगड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रावधान किया गया है कि दक्षिण भारत की एक-एक भाषा उत्तर भारत के हिंदी भाषी राज्यों में पढ़ाई जाएगी। इसी प्रकार से हिंदी भाषा सभी दक्षिणी राज्यों में भी पढ़ाई जाएगी। उन्होंने राज्यपाल दत्तात्रेय को हिंदी के विकास और ज्यादा से ज्यादा प्रसार से संबंधित ज्ञापन भी दिया।
उन्होंने बताया कि पूरे देश को तीन जोनों में बांटा गया है। क, ख और गैर हिंदी भाषी क्षेत्र। उत्तर भारत में अधिकतर राज्य क जोन में आते हैं। जहां सरकारी कार्यालयों में हिंदी का शत-प्रतिशत प्रयोग अनिवार्य किया गया है। समिति ने अपने इस दौरे में पाया कि हरियाणा स्थित केंद्र सरकार के सरकारी व अर्ध सरकारी कार्यालयों में 95 से 98 प्रतिशत हिंदी भाषा का प्रयोग हो रहा है।
TEAM VOICE OF PANIPAT